Word-Meaning: - (इन्द्र) हे इन्द्र ! (भूरिगो) बहुसंसार (मघवन्) हे परमधनिन् भगवन् ! जो विद्वान् (ते+शर्मणि) तेरी आज्ञा और कृपा के आश्रय में विद्यमान हैं, वे (भूरि) बहुत-२ तेरे यश को गाते हैं और जो (ते+शवः) तेरा बल (जातम्) इन प्रकृतियों में फैला हुआ है, उसको (उद्+ववृधुः) अपने गान से बढ़ा रहे हैं, (त्वाम्) तुझको साक्षात् (उद्) उच्च स्वर से गाते हैं, (तव+क्रतुम्) तेरे विज्ञानों और कर्मों को (उद्) उच्च स्वर से गाते हैं ॥१०॥
Connotation: - भूरिगो। गौ यह नाम पृथिवी का है, यह प्रसिद्ध है। यहाँ उपलक्षण है अर्थात् सम्पूर्ण संसार से अभिप्राय है। यद्वा संसार और गो शब्द का धात्वर्थ एक ही प्रतीत होता है “संसरतीति संसारः गच्छतीति गौः”। इस कारण ये दोनों शब्द ऐसे स्थलों में पर्य्यायवाची हैं ॥१०॥