हि॒र॒ण्यये॑न॒ रथे॑न द्र॒वत्पा॑णिभि॒रश्वै॑: । धीज॑वना॒ नास॑त्या ॥
English Transliteration
hiraṇyayena rathena dravatpāṇibhir aśvaiḥ | dhījavanā nāsatyā ||
Pad Path
हि॒र॒ण्यये॑न । रथे॑न । द्र॒वत्पा॑णिऽभिः । अश्वैः॑ । धीऽज॑वना । नास॑त्या ॥ ८.५.३५
Rigveda » Mandal:8» Sukta:5» Mantra:35
| Ashtak:5» Adhyay:8» Varga:7» Mantra:5
| Mandal:8» Anuvak:1» Mantra:35
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SHIV SHANKAR SHARMA
फिर भी रथ का वर्णन करते हैं।
Word-Meaning: - (धीजवना) हे मन जैसे वेगवाले (नासत्या) हे असत्यरहित राजा तथा मन्त्रिदल ! (द्रवत्पाणिभिः) शीघ्रगामी चरणवाले (अश्वैः) घोड़े से युक्त (हिरण्ययेन) सुवर्णमय (रथेन) रथ से आप आवें ॥३५॥
Connotation: - बहुधा राजा का रथ स्वर्णमय होना चाहिये ॥३५॥
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (नासत्या) हे सत्यप्रतिज्ञ ! (धीजवना) मन के समान गतिवाले (हिरण्ययेन, रथेन) हिरण्मय रथ और (द्रवत्पाणिभिः, अश्वैः) शीघ्रगामी पैरोंवाले अश्वों द्वारा आप आवें ॥३५॥
Connotation: - हे सत्यप्रतिज्ञ ज्ञानयोगिन् तथा कर्मयोगिन् ! आप मन समान शीघ्रगामी सुवर्णमय रथ पर चढ़कर शीघ्र ही हमारे यज्ञ में सम्मिलित हों ॥३५॥
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SHIV SHANKAR SHARMA
पुनरपि रथो वर्ण्यते।
Word-Meaning: - हे धीजवना=धियो मनसो जव इव जवो वेगो ययोस्तौ=हे मनोभामिनौ। हे नासत्या=नासत्यौ= असत्यरहितौ राजानौ। युवाम्। द्रवत्पाणिभिः= शीघ्रगमनचरणैः। अश्वैर्युक्तेन। हिरण्ययेन=सुवर्णमयेन। रथेन। आगच्छतमिति शेषः ॥३५॥
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (धीजवना) हे मनोवेगौ (नासत्या) सत्यप्रतिज्ञौ ! (हिरण्ययेन, रथेन) हिरण्मयेन यानेन (द्रवत्पाणिभिः, अश्वैः) शीघ्रगामिपदैरश्वैः आगच्छतम् ॥३५॥