रथं॑ वा॒मनु॑गायसं॒ य इ॒षा वर्त॑ते स॒ह । न च॒क्रम॒भि बा॑धते ॥
English Transliteration
rathaṁ vām anugāyasaṁ ya iṣā vartate saha | na cakram abhi bādhate ||
Pad Path
रथ॑म् । वा॒म् । अनु॑ऽगायसम् । य । इ॒षा । वर्त॑ते । स॒ह । न । च॒क्रम् । अ॒भि । बा॒ध॒ते॒ ॥ ८.५.३४
Rigveda » Mandal:8» Sukta:5» Mantra:34
| Ashtak:5» Adhyay:8» Varga:7» Mantra:4
| Mandal:8» Anuvak:1» Mantra:34
Reads times
SHIV SHANKAR SHARMA
रथ का वर्णन करते हैं।
Word-Meaning: - हे राजन् तथा अमात्यवर्ग ! (वाम्) आपका (यः) जो रथ (इषा) विज्ञान के (सह+वर्तते) साथ विद्यमान है अर्थात् विज्ञान की सहायता से रचा गया है, उस (अनुगायसम्) अनुगातव्य=प्रशंसनीय (रथम्) रमणीय रथ को (चक्रम्) शत्रुसेना या परराष्ट्र (न+अभिबाधते) नहीं पहुँचा सकता ॥३४॥
Connotation: - राजरथ विज्ञान के साहाय्य से रचित और सुदृढ़ हो ॥३४॥
Reads times
ARYAMUNI
Word-Meaning: - (यः) जो (इषा, सह, वर्तते) इष्ट कामनाओं से पूर्ण है, उस (वाम्) आपके (अनुगायसम्, रथम्) स्तुति योग्य रथ को (चक्रम्) शत्रुसैन्य (न, बाधते) बाधित नहीं कर सकता ॥३४॥
Connotation: - हे ज्ञानयोगिन् तथा कर्मयोगिन् ! आपका जो शीघ्रगामी दृढ़ यान है, उसमें बैठे हुए आपको शत्रु की सेना कुछ भी बाधा नहीं कर सकती, क्योंकि आप बलपूर्ण हैं, इसलिये कृपा करके हमारे यज्ञ को आकर शीघ्र ही सुशोभित करें ॥३४॥
Reads times
SHIV SHANKAR SHARMA
रथस्य वर्णनमाह।
Word-Meaning: - हे अश्विनौ राजानौ ! वाम्=युवयोर्यो रथः। इषा=विज्ञानेन। सह वर्तते=विज्ञानेन रचितोऽस्ति। तमनुगायसम्=अनुगातव्यं प्रशंसनीयं रथम्। चक्रम्=परसैन्यं नाभिबाधते=न हन्तुं शक्नोति ॥३४॥
Reads times
ARYAMUNI
Word-Meaning: - (यः) यो रथः (इषा, सह) इष्टकामनया सह (वर्तते) विद्यते तम् (वाम्) युवयोः (अनुगायसम्, रथम्) स्तोतव्यं रथम् (चक्रम्) परसैन्यम् (न, बाधते) नाभिहन्तुं शक्नोति ॥३४॥