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ऋ॒ज्रमु॑क्ष॒ण्याय॑ने रज॒तं हर॑याणे । रथं॑ यु॒क्तम॑सनाम सु॒षाम॑णि ॥

English Transliteration

ṛjram ukṣaṇyāyane rajataṁ harayāṇe | rathaṁ yuktam asanāma suṣāmaṇi ||

Pad Path

ऋ॒ज्रम् । उ॒क्ष॒ण्याय॑ने । र॒ज॒तम् । हर॑याणे । रथ॑म् । यु॒क्तम् । अ॒स॒ना॒म॒ । सु॒ऽसाम॑नि ॥ ८.२५.२२

Rigveda » Mandal:8» Sukta:25» Mantra:22 | Ashtak:6» Adhyay:2» Varga:25» Mantra:2 | Mandal:8» Anuvak:4» Mantra:22


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SHIV SHANKAR SHARMA

अब उपासना का फल दिखलाते हैं।

Word-Meaning: - यहाँ से उपासना का फल कहते हैं। परमात्मा की उपासना के कारण हम उपासकगण (उक्षण्यायने) सर्व कामनाओं की वर्षा करनेवाले ईश्वर के निकट (ऋज्रम्) ऋजुगामी सात्त्विक इन्द्रियगण (असनाम) पाये हुए हैं और (हरयाणे) निखिल दुःखनिवारक परमात्मा के प्रसन्न होने से (रजतम्) श्वेत अर्थात् सात्त्विक ज्ञान प्राप्त किये हुए हैं (सुसामनि) जिसके लिये लोग सुन्दर सामगान करते हैं, उसकी कृपा से (युक्तम्+रथम्) विविध इन्द्रियों और सद्गुणों से युक्त शरीररूप रथ पाये हुए हैं ॥२२॥
Connotation: - उपासक को कभी अवश्य फल प्राप्त होता है, इसमें सन्देह नहीं अतः ईश्वरभक्त को धैर्य और विश्वास रखना चाहिये ॥२२॥
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SHIV SHANKAR SHARMA

अथोपासनाफलं दर्शयति।

Word-Meaning: - उक्षण्यायने=कामानां सेक्तरीश्वरे। ऋज्रम्=ऋजुगामिनमश्वम्। हरयाने=सर्वदुःखहरणकर्त्तरि ईशे। रजतम्। सुसामनि=शोभनगानगीयमाने देवे। युक्तं रथञ्च। असनाम=प्राप्नुमः ॥२२॥