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आ नो॒ अश्वा॑वदश्विना व॒र्तिर्या॑सिष्टं मधुपातमा नरा । गोम॑द्दस्रा॒ हिर॑ण्यवत् ॥

English Transliteration

ā no aśvāvad aśvinā vartir yāsiṣṭam madhupātamā narā | gomad dasrā hiraṇyavat ||

Pad Path

आ । नः॒ । अश्व॑ऽवत् । अ॒श्वि॒ना॒ । व॒र्तिः । या॒सि॒ष्ट॒म् । म॒धु॒ऽपा॒त॒मा॒ । न॒रा॒ । गोऽम॑त् । द॒स्रा॒ । हिर॑ण्यऽवत् ॥ ८.२२.१७

Rigveda » Mandal:8» Sukta:22» Mantra:17 | Ashtak:6» Adhyay:2» Varga:8» Mantra:2 | Mandal:8» Anuvak:4» Mantra:17


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SHIV SHANKAR SHARMA

पुनः वही विषय आ रहा है।

Word-Meaning: - (मधुपातमा) हे मधुर पदार्थों के अतिशय रक्षक (दस्रा) हे दर्शनीय (अश्विना) राजन् तथा न्यायाधीशादि ! आप दोनों (नः) हमारे (वर्तिः) गृह पर (आ+यासिष्टम्) आये और आकर (अश्वावत्) अश्वयुक्त (गोमत्) गोयुक्त तथा (हिरण्यवत्) सुवर्णयुक्त धन भी दिया। अतः आपकी यह महती कृपा है ॥१७॥
Connotation: - राजा, यदि उदारता दिखलावें, तो उनको हृदय से धन्यवाद देना चाहिये। यह शिक्षा इससे देते हैं ॥१७॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (मधुपातमा) हे अत्यन्त सोमपान करनेवाले (नरा) नेता (दस्रा) दर्शनीय (अश्विना) व्यापक गतिवाले ! आप (नः) हमारे (वर्तिः) गृह को (अश्वावत्) अश्वयुक्त (गोमत्) गोयुक्त (हिरण्यवत्) हिरण्यवत्=सुवर्णमय भूषण वा मुद्राओं सहित (आयासिष्टम्) आवें ॥१७॥
Connotation: - हे दर्शनीय नेताओ ! आप हमारे यज्ञसदन को प्राप्त होकर हमें गौ तथा अश्वादि पशु अन्न और सुवर्णादि धन देकर सम्पत्तिशाली करें, ताकि हम प्रजाहितकारक कार्य्यों में दत्तचित्त होकर सफलता प्राप्त करते हुए अपने मनोरथ पूर्ण कर सकें ॥१७॥
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SHIV SHANKAR SHARMA

पुनस्तदनुवर्तते।

Word-Meaning: - हे मधुपातमा=मधुपातमौ=मधूनां मधुराणां पदार्थानामतिशयेन पातारौ=रक्षितारौ। हे दस्रा=दस्रौ=दर्शनीयौ। अश्विना=राजानौ। नोऽस्माकम्। वर्तिः=गृहम्। आयासिष्टम्=आगतवन्तौ। तथा। अश्वावद्=अश्वयुक्तम्। गोमद्=गोयुक्तम्। हिरण्यवद्=हिरण्ययुक्तम्। धनञ्च दत्तवन्तौ। इति युवयोर्महती कृपास्ति ॥१७॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (मधुपातमा) हे अत्यन्तमधुपानशीलौ (नरा) नेतारौ (दस्रा) दर्शनीयौ (अश्विना) व्यापकगती ! (नः) अस्माकम् (वर्तिः) गृहम् (अश्वावत्) अश्वैर्युक्तम् (गोमत्) गवादियुक्तम् (हिरण्यवत्) सुवर्णमुद्राभूषणादियुक्तं संपाद्य (आयासिष्टम्) आयातम् ॥१७॥