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स॒मा॒नम॒ञ्ज्ये॑षां॒ वि भ्रा॑जन्ते रु॒क्मासो॒ अधि॑ बा॒हुषु॑ । दवि॑द्युतत्यृ॒ष्टय॑: ॥

English Transliteration

samānam añjy eṣāṁ vi bhrājante rukmāso adhi bāhuṣu | davidyutaty ṛṣṭayaḥ ||

Pad Path

स॒मा॒नम् । अ॒ञ्जि । ए॒षा॒म् । वि । भ्रा॒ज॒न्ते॒ । रु॒क्मासः॑ । अधि॑ । बा॒हुषु॑ । दवि॑द्युतति । ऋ॒ष्टयः॑ ॥ ८.२०.११

Rigveda » Mandal:8» Sukta:20» Mantra:11 | Ashtak:6» Adhyay:1» Varga:38» Mantra:1 | Mandal:8» Anuvak:3» Mantra:11


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SHIV SHANKAR SHARMA

पुनः वही विषय आ रहा है।

Word-Meaning: - सेना एक प्रकार की हो, यह शिक्षा इससे देते हैं, यथा−(एषाम्) इन मरुद्गणों की (अञ्जि) गति (समानम्) समान हो। तथा (रुक्मासः) अन्यान्य सुवर्णमय आभरण भी समानरूप से (वि+भ्राजन्ते) शोभित हों। तथा (बाहुषु+अधि) बाहुओं के ऊपर (ऋष्टयः) शक्ति आदि नाना आयुध भी समानरूप से (दविद्युतति) अत्यन्त द्योतित हों ॥११॥
Connotation: - सेना नाना अस्त्र-शस्त्रों से युक्त हो, किन्तु उनके कपड़े आदि सब एक ही हों ॥११॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (एषाम्) इन वीरों का (अञ्जि, समानम्) व्यञ्जक चिह्न एक सा ही होता है (अधिबाहुषु) बाहुमूलों में (रुक्मासः, भ्राजन्ते) सुवर्णमय परिचय करानेवाले भूषण शोभा को बढ़ाते हैं तथा (ऋष्टयः) हाथों में शक्ति, शूल आदि शस्त्र (दविद्युतति) अत्यन्त प्रकाशमान होते हैं ॥११॥
Connotation: - उपर्युक्त योद्धाओं का व्यञ्जक=द्योतक चिह्न एक जैसा होता है, बाहुमूलों में परिचय करानेवाले शोभायमान सुवर्ण के भूषण होते और हाथों में सूर्य्य की किरणसमान प्रकाशमान शस्त्र होते हैं, जो क्षात्रबल के प्रभाव को प्रकाशित करते हैं अर्थात् शूरवीर क्षत्रियों का स्वरूप शस्त्रास्त्रों से दिव्य शोभा को धारण करता है ॥११॥
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SHIV SHANKAR SHARMA

पुनस्तदनुवर्त्तते।

Word-Meaning: - एषाम्=मरुद्गणानाम्। अञ्जि=गतिः। समानम्। तथा। रुक्मासः=रुक्मा दीप्यमानाः। सुवर्णमया हाराः। वक्षःसु। विभ्राजन्ते समाना एव। तथा। बाहुषु। अधि। सप्तम्यर्थद्योतकः। भुजेषु। ऋष्टयः=शक्त्यादीनि आयुधानि। दविद्युतति=अत्यर्थं द्योतन्ते ॥११॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (एषाम्) एषां मरुताम् (अञ्जि, समानम्) व्यञ्जकं चिह्नमेकविधमेव (अधिबाहुषु) बाहुमूलेषु (रुक्मासः) सुवर्णमयानि परिचायकभूषणानि (भ्राजन्ते) दीप्यन्ते तथा (ऋष्टयः) हस्तेषु शक्तिप्रभृतिशस्त्राणि (दविद्युतति) भृशं द्योतन्ते ॥११॥