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अ॒न॒र्वाणो॒ ह्ये॑षां॒ पन्था॑ आदि॒त्याना॑म् । अद॑ब्धा॒: सन्ति॑ पा॒यव॑: सुगे॒वृध॑: ॥

English Transliteration

anarvāṇo hy eṣām panthā ādityānām | adabdhāḥ santi pāyavaḥ sugevṛdhaḥ ||

Pad Path

अ॒न॒र्वाणः॑ । हि । ए॒षा॒म् । पन्था॑ । आ॒दि॒त्याना॑म् । अद॑ब्धाः । सन्ति॑ । पा॒यवः॑ । सु॒गे॒ऽवृधः॑ ॥ ८.१८.२

Rigveda » Mandal:8» Sukta:18» Mantra:2 | Ashtak:6» Adhyay:1» Varga:25» Mantra:2 | Mandal:8» Anuvak:3» Mantra:2


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SHIV SHANKAR SHARMA

आचार्य्य कैसे होते हैं, यह दिखलाते हैं।

Word-Meaning: - हे मनुष्यों ! (हि) जिस कारण (एषाम्+आदित्यानाम्) इन बुद्धिपुत्र आचार्यों के (पन्थाः) मार्ग (अनर्वाणः) निर्दोष हैं। अतएव (अदब्धाः) सदा किन्हीं मनुष्यों से वे हिंसित नहीं होते, उन मार्गों की लोग रक्षा करते ही रहते हैं। पुनः वे (पायवः) नाना प्रकार से रक्षक होते हैं और (सुगेवृधः) सुख के विषय में सदा बढ़नेवाले होते हैं ॥२॥
Connotation: - विद्वानों और आचार्य्यों से सुरचित धर्मादि मार्ग अतिशय आनन्दप्रद होते हैं। अतः उनकी रक्षा करना मनुष्यमात्र का परम धर्म है ॥२॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (एषाम्, आदित्यानाम्) इन विद्वानों के (पन्थाः) मार्ग (अनर्वाणः) शत्रुओं के अगम (अदब्धाः) अभिभव योग्य नहीं (पायवः) रक्षक और (सुगेवृधः) सुखवर्धक (सन्ति) होते हैं ॥२॥
Connotation: - उपर्युक्त विद्वानों के मार्ग निस्सन्देह सदैव निर्विघ्न तथा शत्रुओं के बल से अभिभव=दबने योग्य नहीं होते, किन्तु ऐश्वर्य्य तथा सुखों की वृद्धि करनेवाले होते हैं, अतएव मनुष्य को उचित है कि उक्त विद्वानों के मार्ग का अनुसरण करे ॥२॥
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SHIV SHANKAR SHARMA

आचार्य्याः कीदृशा भवन्तीति दर्शयति।

Word-Meaning: - हे मनुष्याः ! हि=यस्मात् कारणात्। एषाम्। आदित्यानामाचार्य्याणां बुद्धिपुत्राणाम्। पन्थाः=पन्थानो मार्गाः। अनर्वाणः=निर्दोषाः सन्ति। अतः। ते पन्थानः। सदा अदब्धाः=सर्वैर्मनुष्यैरहिंसिताः सन्ति। पायवः=रक्षका भवन्ति। तथा। सुगेवृधः=सुगे=सुखे विषये वर्धका भवन्ति ॥२॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (एषाम्, आदित्यानाम्) एषां विदुषाम् (पन्थाः) मार्गाः (अनर्वाणः) परैरगम्याः (अदब्धाः) अदम्भनीयाः (पायवः) रक्षकाः (सुगेवृधः) सुखवर्धकाः (सन्ति) भवन्ति ॥२॥