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अ॒भि वह्न॑य ऊ॒तयेऽनू॑षत॒ प्रश॑स्तये । न दे॑व॒ विव्र॑ता॒ हरी॑ ऋ॒तस्य॒ यत् ॥

English Transliteration

abhi vahnaya ūtaye nūṣata praśastaye | na deva vivratā harī ṛtasya yat ||

Pad Path

अ॒भि । वह्न॑यः । ऊ॒तये॑ । अनू॑षत । प्रऽश॑स्तये । न । दे॒व॒ । विऽव्र॑ता । हरी॒ इति॑ । ऋ॒तस्य॑ । यत् ॥ ८.१२.१५

Rigveda » Mandal:8» Sukta:12» Mantra:15 | Ashtak:6» Adhyay:1» Varga:3» Mantra:5 | Mandal:8» Anuvak:2» Mantra:15


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SHIV SHANKAR SHARMA

पुनः महिमा का गान किया जाता है।

Word-Meaning: - सब सूर्य्यादि पदार्थ ईश्वर के माहात्म्य को प्रकटित कर रहे हैं, यह इससे शिक्षा दी जाती है, यथा−(वह्नयः) जगन्निर्वाहक भूमि, अग्नि, वायु और सूर्य्यादि पदार्थ (ऊतये) रक्षा के लिये और (प्रशस्तये) ईश्वर की प्रशंसा के लिये (अभ्यनूषत) चारों तरफ उसी के गुणों को प्रकाशित कर रहे हैं। (देव) हे देव ! (ऋतस्य) सत्यस्वरूप आपके (हरी) परस्पर हरणशील स्थावर और जङ्गमरूप अश्व (विव्रता) सत्यादिव्रत रहित (न) न होवें किन्तु (यत्) जो सत्य है, उसके अनुगामी होवें ॥१५॥
Connotation: - सब ही सत्यमार्ग पर चलें, यही ईश्वर की आज्ञा है, इसी को सूर्य्यादि देव सब ही दिखला रहे हैं ॥१५॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (वह्नयः) वह्निसदृश विद्वान् (प्रशस्तये) प्रशस्य (ऊतये) रक्षा के लिये (अभ्यनूषत) आपकी अभितः स्तुति करते हैं (देव) हे दिव्यस्वरूप ! (विव्रता) विविधकर्मवाली आपकी (हरी) पालन-संहाररूप शक्तियें हैं, (यत्) जो (ऋतस्य) सत्यस्वरूप आपका प्रकाश करती हैं ॥१५॥
Connotation: - हे सत्यस्वरूप, हे सबका पालन, पोषण तथा संहार करनेवाले परमात्मन् ! अग्निसदृश देदीप्यमान विद्वान् स्तुतियों द्वारा आपका प्रकाश करते अर्थात् प्रजाओं को आपकी ओर आकर्षित करते हैं कि परमात्मा की उपर्युक्त महान् शक्तियों को अनुभव करते हुए उसी की उपासना करो, अन्य की नहीं ॥१५॥
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SHIV SHANKAR SHARMA

पुनर्महिमा गीयते।

Word-Meaning: - सर्वे सूर्य्यादयः पदार्था ईश्वरस्य माहात्म्यं प्रकटयन्तीत्यनया शिक्षते। यथा−वह्नयः=वहन्तीति वह्नयो वोढारो जगन्निर्वाहका भूम्यग्निवायुसूर्य्यादयः। ऊतये=रक्षायै। प्रशस्तये=भगवत्प्रशंसायै च। अभ्यनूषत=तस्यैवेन्द्रस्य गुणान् प्रकटयन्ति। हे देव=भगवन् ! ऋतस्य=सत्यस्य तव। हरी=परस्परहरणशीलौ= स्थावरजङ्गमात्मकावश्वौ। विव्रता=विव्रतौ=विगतव्रतौ सत्यादिव्रतरहितौ। न भवताम्। किन्तु यत् सत्यं तदनुगामिनौ भवताम् ॥१५॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (वह्नयः) वह्निसदृशविद्वांसः (प्रशस्तये) सुष्ठुतराय (ऊतये) जगद्रक्षणाय (अभ्यनूषत) स्तुवन्ति सम्यक् (देव) हे दिव्यस्वरूप ! (विव्रता) विविधकर्माणौ (हरी) तव पालनसंहारशक्ती स्तः (यत्) ये (ऋतस्य) सत्यस्य भवतः ॥१५॥