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गोम॒द्धिर॑ण्यव॒द्वसु॒ यद्वा॒मश्वा॑व॒दीम॑हे । इन्द्रा॑ग्नी॒ तद्व॑नेमहि ॥

English Transliteration

gomad dhiraṇyavad vasu yad vām aśvāvad īmahe | indrāgnī tad vanemahi ||

Pad Path

गोऽम॑त् । हिर॑ण्यऽवत् । वसु॑ । यत् । वा॒म् । अश्व॑ऽवत् । ईम॑हे । इन्द्रा॑ग्नि॒ इति॑ । तत् । व॒ने॒म॒हि॒ ॥ ७.९४.९

Rigveda » Mandal:7» Sukta:94» Mantra:9 | Ashtak:5» Adhyay:6» Varga:18» Mantra:3 | Mandal:7» Anuvak:6» Mantra:9


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (इन्द्राग्नी) हे कर्मयोगी, ज्ञानयोगी विद्वानों ! आप के सदुपदेश से हम (हिरण्यवत्) रत्न, (अश्वावत्) अश्व, (गोमत्) गौवें इत्यादि अनेक प्रकार के (यद् वसु) जो धन हैं, उनकी प्राप्ति के लिए हम (ईमहे) यह प्रार्थना करते हैं कि (तद्, वनेमहि) उनको हम प्राप्त हों ॥९॥
Connotation: - उक्त विद्वानों के सदुपदेश से हम सब प्रकार के धनों को प्राप्त हों ॥९॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (इन्द्राग्नी) हे ज्ञानयोगिन् कर्मयोगिन् च ! भवत्सदुपदेशेनाहं (गोमत्) गोसमृद्धम्, (हिरण्यवत्) सुवर्णसमृद्धम् (अश्वावत्) अश्वसमृद्धं च (यद्, वसु) यद्धनं तदवाप्तये (ईमहे) प्रार्थयामहे (तद्, वनेमहि) तदवाप्नुयाम ॥९॥