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दा॒श॒रा॒ज्ञे परि॑यत्ताय वि॒श्वत॑: सु॒दास॑ इन्द्रावरुणावशिक्षतम् । श्वि॒त्यञ्चो॒ यत्र॒ नम॑सा कप॒र्दिनो॑ धि॒या धीव॑न्तो॒ अस॑पन्त॒ तृत्स॑वः ॥

English Transliteration

dāśarājñe pariyattāya viśvataḥ sudāsa indrāvaruṇāv aśikṣatam | śvityañco yatra namasā kapardino dhiyā dhīvanto asapanta tṛtsavaḥ ||

Pad Path

दा॒श॒ऽरा॒ज्ञे । परि॑ऽयत्ताय । वि॒श्वतः॑ । सु॒ऽदासे॑ । इ॒न्द्रा॒व॒रु॒णौ॒ । अ॒शि॒क्ष॒त॒म् । श्वि॒त्यञ्चः॑ । यत्र॑ । नम॑सा । क॒प॒र्दिनः॑ । धि॒या । धीऽव॑न्तः । अस॑पन्त । तृत्स॑वः ॥ ७.८३.८

Rigveda » Mandal:7» Sukta:83» Mantra:8 | Ashtak:5» Adhyay:6» Varga:5» Mantra:3 | Mandal:7» Anuvak:5» Mantra:8


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (यत्र) जिस युद्ध में (नमसा) प्रभुता से (कपर्दिनः) उत्तम अलंकारयुक्त (धीवन्तः) बुद्धिमान् (तृत्सवः) कर्मकाण्डी (श्वित्यञ्चः) सदाचारी (असपन्त) युद्ध्रूप कर्म में (धिया) बुद्धिपूर्वक प्रवृत्त होता है, उस युद्ध में (विश्वतः) सब ओर से (दाशराज्ञे, परियत्ताय) दश राजाओं के आक्रमण करने पर (सुदासे) वेदानुयायी राजा को (इन्द्रावरुणौ) हे अस्त्र-शस्त्रों की विद्या में कुशल विद्वानों ! (अशिक्षतं) बल प्रदान करो ॥८॥
Connotation: - परमात्मा उपदेश करते हैं कि राजा लोगो ! तुम कर्मकाण्डयुक्त तथा   सदाचारसम्पन्न होकर अपने कार्यों को विधिवत् करो और युद्धरूप कर्म में बुद्धिपूर्वक प्रवृत्त होओ। जो सदाचारसम्पन्न राजा बुद्धिपूर्वक युद्ध करता है, उसको अनेक राजा सब ओर से आक्रमण करने पर भी विजय नहीं कर सकते। परमात्मा आज्ञा देते हैं कि हे धनुर्विद्यासम्पन्न अध्यापक तथा उपदेशको ! तुम ऐसे धर्मपरायण राजा की सदा सहायता करो, जिससे वह शीघ्र कृतकार्य हो ॥८॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (यत्र) यस्मिन्युद्धे (नमसा) प्रभुत्वेन (कपर्दिनः) स्वलङ्कृताः (धीवन्तः) बुद्धिमन्तः (तृत्सवः) कर्मकाण्डिनः (श्वित्यञ्चः) सदाचारिणः (असपन्त, धिया) युद्धकर्मसु बुद्ध्या प्रवर्त्तन्ते, तत्र युद्धे (विश्वतः) सर्वतः (दाशराज्ञे, परियत्ताय) दशभिर्नृपैराक्रान्तान् (सुदासे) वेदानुयायिनो नृपस्य (इन्द्रावरुणौ) हे शस्त्रास्त्रविद्यावेत्तारो विद्वांसः (अशिक्षतम्) पर्याप्तबलान् कुरुत ॥८॥