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प्रत्यु॑ अदर्श्याय॒त्यु१॒॑च्छन्ती॑ दुहि॒ता दि॒वः । अपो॒ महि॑ व्ययति॒ चक्ष॑से॒ तमो॒ ज्योति॑ष्कृणोति सू॒नरी॑ ॥

English Transliteration

praty u adarśy āyaty ucchantī duhitā divaḥ | apo mahi vyayati cakṣase tamo jyotiṣ kṛṇoti sūnarī ||

Pad Path

प्रति॑ । ऊँ॒ इति॑ । अ॒द॒र्शि॒ । आ॒ऽय॒ती । उ॒च्छन्ती॑ । दु॒हि॒ता । दि॒वः । अपो॒ इति॑ । महि॑ । व्य॒य॒ति॒ । चक्ष॑से । तमः॑ । ज्योतिः॑ । कृ॒णो॒ति॒ । सू॒नरी॑ ॥ ७.८१.१

Rigveda » Mandal:7» Sukta:81» Mantra:1 | Ashtak:5» Adhyay:6» Varga:1» Mantra:1 | Mandal:7» Anuvak:5» Mantra:1


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ARYAMUNI

अध सर्वप्रेरक तथा सर्वप्रकाशक परमात्मा का वर्णन करते हैं।

Word-Meaning: - (ज्योतिः) सबका प्रकाशक (महि) बड़े (तमः) अन्धकार को (व्ययति) नाश करनेवाला (चक्षसे) प्रकाश के लिए (दिवः, दुहिता) उषा का (प्रति, ऊ, अदर्शि) प्रत्येक स्थान में प्रकाशित करनेवाला (सूनरी, आयती) सुन्दर प्रकाश को विस्तृत आकाश में (उच्छन्ती) फैलाकर (अपो) जलों द्वारा सब दुःखों को दूर करता है ॥१॥
Connotation: - दिव्यशक्तिसम्पन्न परमात्मा अपने अनन्त सामर्थ्य से उषादि ज्योतियों का विकाश करता हुआ संसार के अन्धकार को दूर करता और विज्ञानी लोगों के लिए अपने प्रभूत ज्ञान का प्रकाश करता है, वही अपनी दिव्यशक्ति से वृष्टि द्वारा संसार का भरण-पोषण करता और वही सबको स्थिति देनेवाला है ॥१॥
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ARYAMUNI

अथ सर्वप्रकाशकः परमात्मा वर्ण्यते।

Word-Meaning: - (ज्योतिः) सर्वप्रकाशकः (महि) महत् (तमः) अन्धकारं (व्ययति) नाशयति (चक्षसे) प्रकाशाय (दिवः, दुहिता) द्युलोकस्य दुहितरमुषसं (प्रति, ऊ, अदर्शि) प्रत्येकस्थाने प्रकाशयति (सूनरी, आयती) सुष्ठुप्रकाशं विस्तृताकाशे (उच्छन्ती) प्रसारयन् (अपो) जलेन सर्वविधदुःखं विहन्ति ॥१॥