रा॒या हि॑रण्य॒या म॒तिरि॒यम॑वृ॒काय॒ शव॑से । इ॒यं विप्रा॑ मे॒धसा॑तये ॥
English Transliteration
rāyā hiraṇyayā matir iyam avṛkāya śavase | iyaṁ viprā medhasātaye ||
Pad Path
रा॒या । हि॒र॒ण्य॒ऽया । म॒तिः । इ॒यम् । अ॒वृ॒काय॑ । शव॑से । इ॒यम् । विप्रा॑ । मे॒धऽसा॑तये ॥ ७.६६.८
Rigveda » Mandal:7» Sukta:66» Mantra:8
| Ashtak:5» Adhyay:5» Varga:9» Mantra:3
| Mandal:7» Anuvak:4» Mantra:8
Reads times
ARYAMUNI
Word-Meaning: - (विप्रा) हे विद्वान् लोगो ! तुम्हारी (इयं) यह (मतिः) बुद्धि (अवृकाय) अहिंसाप्रधान हो और (इयं) यह मति (शवसे) बल की वृद्धि, (मेधसातये) यज्ञ की निर्विघ्न समाप्ति तथा (हिरण्यया, राया) ऐश्वर्य्य को बढ़ानेवाली हो ॥८॥
Connotation: - परमात्मा उपदेश करते हैं कि हे मनुष्यों ! तुम ऐसी बुद्धि उत्पन्न करो, जिससे किसी की हिंसा न हो और जो बुद्धि ज्ञानयज्ञ, योगयज्ञ, तथा कर्मयज्ञ आदि सब यज्ञों को सिद्ध करनेवाली हो, इस प्रकार की बुद्धि धारण करने से तुम बलवान् तथा ऐश्वर्य्यसम्पन्न होगे, इसलिए तुमको “धियो यो नः प्रचोदयात्” इस गायत्री तथा अन्य मन्त्रों द्वारा सदैव शुभमति की प्रार्थना करनी चाहिए ॥८॥
Reads times
ARYAMUNI
Word-Meaning: - (विप्रा) विविधानर्थानस्य प्राप्तुं धातीति विप्रः “विप्र इति मेधाविनामसु पठितम्” ॥ निरु० ३।१९।२॥ हे मेधाविनः ! भवतां (मतिरियं) इयं बुद्धिः (अवृकाय, शवसे) अहिंसकबलाय भवतु तथा (इयम्) मतिः (मेधसातये) यज्ञस्य निर्विघ्नसमाप्त्यर्थं भवतु अन्यच्च (हिरण्यया, राया) ऐश्वर्याय भवतु इत्यर्थः ॥८॥