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उद॑स्य बा॒हू शि॑थि॒रा बृ॒हन्ता॑ हिर॒ण्यया॑ दि॒वो अन्ताँ॑ अनष्टाम्। नू॒नं सो अ॑स्य महि॒मा प॑निष्ट॒ सूर॑श्चिदस्मा॒ अनु॑ दादप॒स्याम् ॥२॥

English Transliteration

ud asya bāhū śithirā bṛhantā hiraṇyayā divo antām̐ anaṣṭām | nūnaṁ so asya mahimā paniṣṭa sūraś cid asmā anu dād apasyām ||

Pad Path

उत्। अ॒स्य॒। बा॒हू इति॑। शि॒थि॒रा। बृ॒हन्ता॑। हि॒र॒ण्यया॑। दि॒वः। अन्ता॑न्। अ॒न॒ष्टा॒म्। नू॒नम्। सः। अ॒स्य॒। म॒हि॒मा। प॒नि॒ष्ट॒। सूरः॑। चि॒त्। अ॒स्मै॒। अनु॑। दा॒त्। अ॒प॒स्याम् ॥२॥

Rigveda » Mandal:7» Sukta:45» Mantra:2 | Ashtak:5» Adhyay:4» Varga:12» Mantra:2 | Mandal:7» Anuvak:3» Mantra:2


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर राजादि जन कैसा हो, इस विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे मनुष्यो ! जो (सूरः) सूर्य के (चित्) समान (अस्मै) इस विद्वान् के लिये (अपस्याम्) अपने को कर्म की इच्छा (अनु, दात्) अनुकूल दे जिस (अस्य) इसकी (सः) वह (महिमा) अत्यन्त प्रशंसा हम लोगों से (नूनम्) निश्चय (पनिष्ट) स्तुति की जाती है जिस (अस्य) इस (दिवः) प्रकाश के (अन्तान्) समीपस्थ पदार्थ वा (हिरण्यया) हिरण्य आदि आभूषणयुक्त (बृहन्ता) महान् (शिथिरा) शिथिल दृढ़ (बाहू) भुजा (उत्, अनष्टाम्) उत्तमता से प्रसिद्ध होती, वही हम लोगों से प्रशंसा करने योग्य है ॥२॥
Connotation: - इस मन्त्र में उपमालङ्कार है । हे मनुष्यो ! जिसका सूर्य के समान महिमा, प्रताप, सर्व बलयुक्त बाहू वर्तमान हैं, वही इस राज्य के बीच पूजित होता है ॥२॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुना राजादिजनः कीदृशः स्यादित्याह ॥

Anvay:

हे मनुष्याः ! यः सूरश्चिदिवास्मा अपस्यामनु दात् यस्यास्य स महिमाऽस्माभिर्नूनं पनिष्ट यस्यास्य दिवोऽन्तान् हिरण्यया बृहन्ता शिथिरा बाहू उदनष्टां स एवाऽस्माभिः प्रशंसनीयोऽस्ति ॥२॥

Word-Meaning: - (उत्) (अस्य) पूर्णविद्यस्य (बाहू) भुजौ (शिथिरा) शिथिलौ दृढौ (बृहन्ता) महान्तौ (हिरण्यया) हिरण्यया भूषणयुक्तौ (दिवः) प्रकाशस्य (अन्तान्) समीपस्थान् (अनष्टाम्) प्रसिद्धाम् (नूनम्) निश्चयः (सः) (अस्य) (महिमा) महती प्रशंसा (पनिष्ट) पन्यते स्तूयते (सूरः) सूर्यः (चित्) इव (अस्मै) (अनु) (दात्) (अपस्याम्) आत्मनः कर्मेच्छाम् ॥२॥
Connotation: - अत्रोपमालङ्कारः । हे मनुष्याः ! यस्य सूर्यवन्महिमा प्रतापः सर्वबलयुक्तौ बाहू वर्तेते स एवास्य राष्ट्रस्य मध्ये महीयते ॥२॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - या मंत्रात उपमालंकार आहे. हे माणसांनो ! ज्याचे बाहू सूर्याप्रमाणे महान, प्रतापी, बलयुक्त असतात तोच राज्यात पूजनीय ठरतो. ॥ २ ॥