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यस्ते॒ मदो॒ युज्य॒श्चारु॒रस्ति॒ येन॑ वृ॒त्राणि॑ हर्यश्व॒ हंसि॑। स त्वामि॑न्द्र प्रभूवसो ममत्तु ॥२॥

English Transliteration

yas te mado yujyaś cārur asti yena vṛtrāṇi haryaśva haṁsi | sa tvām indra prabhūvaso mamattu ||

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Pad Path

यः। ते॒। मदः॑। युज्यः॑। चारुः॑। अस्ति॑। येन॑। वृ॒त्राणि॑। ह॒रि॒ऽअ॒श्व॒। हंसि॑। सः। त्वाम्। इ॒न्द्र॒। प्र॒भु॒व॒सो॒ इति॑ प्रभुऽवसो। म॒म॒त्तु॒ ॥२॥

Rigveda » Mandal:7» Sukta:22» Mantra:2 | Ashtak:5» Adhyay:3» Varga:5» Mantra:2 | Mandal:7» Anuvak:2» Mantra:2


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर वह राजा किसके तुल्य क्या करे, इस विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (प्रभूवसो) समर्थ और वसानेवाले (हर्यश्च) हरणशील घोड़ों से युक्त (इन्द्र) परमैश्वर्यवान् राजा ! (यः) जो (ते) आप का (युज्यः) योग करने योग्य (चारुः) सुन्दर (मदः) आनन्द (अस्ति) है वा (येन) जिससे सूर्य (वृत्राणि) मेघ के अङ्गों को, वैसे शत्रुओं की सेना के अङ्गों का (हंसि) विनाश करते हो (सः) वह (त्वाम्) तुम्हें (ममत्तु) आनन्दित करे ॥२॥
Connotation: - जिस-जिस उपाय से दुष्ट बलहीन हों, उस-उस उपाय का राजा अनुष्ठान करे अर्थात् आरम्भ करे ॥२॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनः स राजा किंवत्किं कुर्यादित्याह ॥

Anvay:

हे प्रभूवसो हर्यश्वेन्द्र ! यस्ते युज्यश्चारुर्मदोऽस्ति येन सूर्यो वृत्राणि शत्रुसेनाङ्गानि हंसि स त्वां ममत्तु ॥२॥

Word-Meaning: - (यः) (ते) तव (मदः) आनन्दः (युज्यः) योक्तुमर्हः (चारुः) सुन्दरः (अस्ति) (येन) (वृत्राणि) मेघाङ्गानीव शत्रुसेनाङ्गानि (हर्यश्व) हरयो हरणशीलो अश्वा यस्य तत्सम्बुद्धौ (हंसि) विनाशयसि (सः) (त्वाम्) (इन्द्र) (प्रभूवसो) यः समर्थश्चासौ वासिता च तत्सम्बुद्धौ (ममत्तु) आनन्दयतु ॥२॥
Connotation: - येन येनोपायेन दुष्टा बलहीना भवेयुस्तं तमुपायं राजाऽनुतिष्ठेत् ॥२॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - ज्या ज्या उपायांनी दुष्ट मनुष्य बलहीन होईल ते ते उपाय राजाने योजावेत. ॥ २ ॥