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ए॒ना वो॑ अ॒ग्निं नम॑सो॒र्जो नपा॑त॒मा हु॑वे। प्रि॒यं चेति॑ष्ठमर॒तिं स्व॑ध्व॒रं विश्व॑स्य दू॒तम॒मृत॑म् ॥१॥

English Transliteration

enā vo agniṁ namasorjo napātam ā huve | priyaṁ cetiṣṭham aratiṁ svadhvaraṁ viśvasya dūtam amṛtam ||

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Pad Path

ए॒ना। वः॒। अ॒ग्निम्। नम॑सा। ऊ॒र्जः। नपा॑तम्। आ। हु॒वे॒। प्रि॒यम्। चेति॑ष्ठम्। अ॒र॒तिम्। सु॒ऽअ॒ध्व॒रम्। विश्व॑स्य। दू॒तम्। अ॒मृत॑म् ॥१॥

Rigveda » Mandal:7» Sukta:16» Mantra:1 | Ashtak:5» Adhyay:2» Varga:21» Mantra:1 | Mandal:7» Anuvak:1» Mantra:1


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अब राजा प्रजा के सुख के लिये क्या-क्या करे, इस विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे प्रजाजनो ! जैसे मैं राजा (एना) इस (नमसा) अन्न वा सत्कारादि से (ऊर्जः) पराक्रम के (नपातम्) विनाश को प्राप्त न होनेवाले (प्रियम्) चाहने योग्य (चेतिष्ठम्) अतिशय कर सम्यक् ज्ञापक (अरतिम्) सुखप्रापक (स्वध्वरम्) सुन्दर अहिंसादि व्यवहारवाले (अमृतम्) अपने स्वरूप से नाशरहित (विश्वस्य) संसार के (दूतम्) बहुत कार्य्यों के साधक (अग्निम्) अग्नि के तुल्य तेजस्वी उपदेशक को (आहुवे) स्वीकार करता, वैसे तुम भी उसको स्वीकार करो ॥१॥
Connotation: - इस मन्त्र में वाचकलुप्तोपमालङ्कार है। जैसे राजा सत्योपदेशकों का प्रचार करे, वैसे उपदेशक अपने कर्त्तव्य को प्रीति से यथावत् पूरा करें ॥१॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अथ राजा प्रजासुखाय किं किं कुर्य्यादित्याह ॥

Anvay:

हे प्रजाजना ! यथाऽहं राजा व एना नमसोर्जो नपातं प्रियं चेतिष्ठमरतिं स्वध्वरममृतं विश्वस्य दूतमग्निमिवोपदेशकमाहुवे तथा यूयमप्येतमाह्वयत ॥१॥

Word-Meaning: - (एना) एनेन (वः) युष्मान् (अग्निम्) (नमसा) अन्नेन सत्कारादिना वा (ऊर्जः) पराक्रमस्य (नपातम्) अविनाशम् (आ) (हुवे) आदद्मि (प्रियम्) कमनीयं प्रीतम् (चेतिष्ठम्) अतिशयेन संज्ञापकम् (अरतिम्) सुखप्रापकम् (स्वध्वरम्) शोभना अध्वरा अहिंसादयो व्यवहारा यस्य तम् (विश्वस्य) संसारस्य (दूतम्) बहुकार्यसाधकम् (अमृतम्) स्वस्वरूपेण नाशरहितम् ॥१॥
Connotation: - अत्र वाचकलुप्तोपमालङ्कारः। यथा राजा सत्योपदेशकान् प्रचारयेत्तथोपदेष्टारः स्वकृत्यं प्रीत्या यथावत्कुर्य्युः ॥१॥
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MATA SAVITA JOSHI

या सूक्तात अग्नी, विद्वान, राजा, यजमान, पुरोहित, उपदेशक व विद्यार्थ्यांच्या कृत्याचे वर्णन असल्यामुळे या सूक्ताच्या अर्थाची पूर्व सूक्तार्थाबरोबर संगती जाणावी.

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - या मंत्रात वाचकलुप्तोपमालंकार आहे. जसा राजा सत्योपदेशकांचा प्रचार करतो, तसे उपदेशकाने आपले कर्तव्य पूर्ण करावे. ॥ १ ॥