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यो गर्भ॒मोष॑धीनां॒ गवां॑ कृ॒णोत्यर्व॑ताम् । प॒र्जन्य॑: पुरु॒षीणा॑म् ॥

English Transliteration

yo garbham oṣadhīnāṁ gavāṁ kṛṇoty arvatām | parjanyaḥ puruṣīṇām ||

Pad Path

यः । गर्भ॑म् । ओष॑धीनाम् । गवा॑म् । कृ॒णोति॑ । अर्व॑ताम् । प॒र्जन्यः॑ । पु॒रु॒षीणा॑म् ॥ ७.१०२.२

Rigveda » Mandal:7» Sukta:102» Mantra:2 | Ashtak:5» Adhyay:7» Varga:2» Mantra:2 | Mandal:7» Anuvak:6» Mantra:2


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (यः) जो परमात्मा (ओषधीनाम्, गर्भम्) ओषधियों का उत्पत्तिस्थान है और (अर्वताम्, गवाम्, कृणोति) गमनशील विद्युदादि पदार्थों को रचता है तथा (पुरुषीणाम्, पर्जन्यः) जो मनुष्यों की बुद्धियों का तृप्तिजनक है ॥२॥
Connotation: - जिस सर्वतृप्तिकारक परमात्मा ने सम्पूर्ण ब्रह्माण्डों को रच कर ओषधियों को उत्पन्न किया और जिसने मनुष्यों की बुद्धि की तृप्ति करने के लिये अपने अनन्त ज्ञान को मनुष्यों के लिये दिया, उसकी उपासना प्रत्येक मनुष्य को करनी चाहिये ॥२॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (यः) य ईश्वरः (ओषधीनाम्, गर्भम्) ओषधीनामुत्पत्तिस्थानमस्ति तथा च (अर्वताम्, गवाम्, कृणोति) गमनशीलविद्युदादिपदार्थान् रचयति तथा (पुरुषीणाम्, पर्जन्यः) मनुष्यबुद्धीनां तर्प्ताऽस्ति ॥२॥