Go To Mantra

नू मे॒ ब्रह्मा॑ण्यग्न॒ उच्छ॑शाधि॒ त्वं दे॑व म॒घव॑द्भ्यः सुषूदः। रा॒तौ स्या॑मो॒भया॑स॒ आ ते॑ यू॒यं पा॑त स्व॒स्तिभिः॒ सदा॑ नः ॥२०॥

English Transliteration

nū me brahmāṇy agna uc chaśādhi tvaṁ deva maghavadbhyaḥ suṣūdaḥ | rātau syāmobhayāsa ā te yūyam pāta svastibhiḥ sadā naḥ ||

Mantra Audio
Pad Path

नु। मे॒। ब्रह्मा॑णि। अ॒ग्ने॒। उत्। श॒शा॒धि॒। त्वम्। दे॒व॒। म॒घव॑त्ऽभ्यः। सु॒सू॒दः॒। रा॒तौ। स्या॒म॒। उ॒भया॑सः। आ। ते॒। यू॒यम्। पा॒त॒। स्व॒स्तिऽभिः॑। सदा॑। नः॒ ॥२०॥

Rigveda » Mandal:7» Sukta:1» Mantra:20 | Ashtak:5» Adhyay:1» Varga:26» Mantra:5 | Mandal:7» Anuvak:1» Mantra:20


Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर विद्वान् क्या करे, इस विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (देव) विद्वन् (अग्ने) दाताजन ! (त्वम्) आप (मे) मेरे (मघवद्भ्यः) बहुत धनयुक्त धनाढ्यों से (ब्रह्माणि) बड़े-बड़े धनों की (उत्, शशाधि) शिक्षा कीजिये तथा दुःखों को (सुषूदः) नष्ट कीजिये जिससे (उभयासः) दोनों विद्वान् अविद्वान् हम लोग (रातौ) दान देने में प्रकट (स्याम) हों जैसे (ते) आपकी रक्षा हम करें, वैसे (यूयम्) तुम लोग (नः) हमारी (स्वस्तिभिः) सुखों से (सदा) सब काल में (नु) शीघ्र (आ, पात) अच्छे प्रकार रक्षा करो ॥२०॥
Connotation: - राजादि पुरुषों को चाहिये कि धनाढ्यों से दरिद्रों को भी अच्छी शिक्षा देके धनाढ्य करें तथा विद्वान् और अविद्वानों का मेल करा के परस्पर उन्नति करावें और परस्पर दुःख का निवारण कर सुखों से संयुक्त करें ॥२०॥
Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनर्विद्वान् किं कुर्यादित्याह ॥

Anvay:

हे देवाग्ने ! त्वं मे मघवद्भ्यो ब्रह्माण्युच्छशाधि दुःखानि सुषूदः। येनोभयासो वयं रातौ स्याम तथा ते रक्षां वयं कुर्याम तथा यूयं नः स्वस्तिभिः सदा नु पात ॥२०॥

Word-Meaning: - (नू) सद्यः (मे) मम (ब्रह्माणि) बृहन्ति धनानि (अग्ने) दातः (उत्) (शशाधि) शिक्षय (त्वम्) (देव) विद्वन् (मघवद्भ्यः) बहुधनयुक्तेभ्यो धनाढ्येभ्यः (सुषूदः) नाशय (रातौ) दाने (स्याम) भवेम (उभयासः) विद्वांसोऽविद्वांसश्च (आ) (ते) तव (यूयम्) (पात) रक्षत (स्वस्तिभिः) सुखैः (सदा) (नः) अस्मान् ॥२०॥
Connotation: - राजादिपुरुषैर्धनाढ्येभ्यो दरिद्रा अपि सुशिक्षा धनाढ्याः कार्याः विद्वांसोऽविद्वांसश्च मेलयित्वोन्नताः कार्या अन्योऽन्येषान्दुःखनिवारणेन सुखैः संयोजनीयाः ॥२०॥
Reads times

MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - राजा इत्यादी पुरुषांनी धनाढ्याप्रमाणे दरिद्री माणसांनाही चांगले शिक्षण देऊन धनाढ्य करावे व विद्वान आणि अविद्वानांचा मिलाफ घडवून परस्परांची उन्नती करावी. दुःखाचे निवारण करून परस्परांना सुखी करावे. ॥ २० ॥