Go To Mantra

इन्द्रा॑ग्नी शृणु॒तं हवं॒ यज॑मानस्य सुन्व॒तः। वी॒तं ह॒व्यान्या ग॑तं॒ पिब॑तं सो॒म्यं मधु॑ ॥१५॥

English Transliteration

indrāgnī śṛṇutaṁ havaṁ yajamānasya sunvataḥ | vītaṁ havyāny ā gatam pibataṁ somyam madhu ||

Mantra Audio
Pad Path

इन्द्रा॑ग्नी॒ इति॑। शृ॒णु॒तम्। हव॑म्। यज॑मानस्य। सु॒न्व॒तः। वी॒तम्। ह॒व्यानि॑। आ। ग॒त॒म्। पिब॑तम्। सो॒म्यम्। मधु॑ ॥१५॥

Rigveda » Mandal:6» Sukta:60» Mantra:15 | Ashtak:4» Adhyay:8» Varga:29» Mantra:5 | Mandal:6» Anuvak:5» Mantra:15


Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर वे दोनों क्या करें, इस विषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (इन्द्राग्नी) वायु और बिजुली के समान वर्त्तमान अध्यापक और उपदेशको ! तुम दोनों (सुन्वतः) पदार्थविद्या से बहुत पदार्थों को उत्पन्न करते हुए (यजमानस्य) शुभ गुण देनेवाले मेरे (हवम्) पढ़े विषय को (शृणुतम्) सुनो और (हव्यानि) पदार्थों को (वीतम्) प्राप्त होओ वा व्याप्त होओ उनके समीप (आ, गतम्) आओ और (सोम्यम्) शान्ति शीतलता के जो योग्य है उस (मधु) मधुरादि युक्त रसको (पिबतम्) पिओ ॥१५॥
Connotation: - सब मनुष्यों को चाहिये कि आमन्त्रण से विद्वानों को बुलाकर इनका सत्कार कर इनसे अपनी विद्या की परीक्षा कराय अधिक विद्या ग्रहण करें ॥१५॥ इस सूक्त में इन्द्र और अग्नि के गुणों का वर्णन होने से इस सूक्त के अर्थ की इससे पूर्व सूक्त के अर्थ के साथ सङ्गति जाननी चाहिये ॥ यह साठवाँ सूक्त और उनतीसवाँ वर्ग समाप्त हुआ ॥
Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तौ किं कुर्य्यातामित्याह ॥

Anvay:

हे इन्द्राग्नी ! युवां सुन्वतो यजमानस्य हवं शृणुतं हव्यानि वीतं तत्सान्निध्यमा गतं सोम्यं मधु पिबतम् ॥१५॥

Word-Meaning: - (इन्द्राग्नी) वायुविद्युताविव वर्त्तमानावध्यापकोपदेशकौ (शृणुतम्) (हवम्) ममाऽधीतविषयम् (यजमानस्य) शुभगुणादातुः (सुन्वतः) पदार्थविद्यया बहून् पदार्थान्निष्पादयतः (वीतम्) प्राप्नुतं व्याप्नुतं वा (हव्यानि) (आ) (गतम्) आगच्छतम् (पिबतम्) (सोम्यम्) सोममर्हम् (मधु) मधुरादियुक्तं रसम् ॥१५॥
Connotation: - सर्वैर्मनुष्यैरामन्त्रणेन विदुषामाह्वानं कृत्वैतान् सत्कृत्यैतेभ्यः स्वविद्यां परीक्षयित्वाऽधिका विद्या ग्रहीतव्येति ॥१५॥ अत्रेन्द्राऽग्निगुणवर्णनादेतदर्थस्य पूर्वसूक्तार्थेन सह सङ्गतिर्वेद्या ॥ इति षष्टितमं सूक्तमेकोनत्रिंशो वर्गश्च समाप्तः ॥
Reads times

MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - सर्व माणसांनी विद्वानांना आमंत्रण देऊन बोलवावे व त्यांचा सत्कार करून त्यांच्याकडून आपल्या विद्येची परीक्षा करून घ्यावी व अधिक विद्या ग्रहण करावी. ॥ १५ ॥