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इन्द्रा॑ग्नी यु॒वोरपि॒ वसु॑ दि॒व्यानि॒ पार्थि॑वा। आ न॑ इ॒ह प्र य॑च्छतं र॒यिं वि॒श्वायु॑पोषसम् ॥९॥

English Transliteration

indrāgnī yuvor api vasu divyāni pārthivā | ā na iha pra yacchataṁ rayiṁ viśvāyupoṣasam ||

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Pad Path

इन्द्रा॑ग्नी॒ इति॑। यु॒वोः। अपि॑। वसु॑। दि॒व्यानि॑। पार्थि॑वा। आ। नः॒। इ॒ह। प्र। य॒च्छ॒त॒म्। र॒यिम्। वि॒श्वायु॑ऽपोषसम् ॥९॥

Rigveda » Mandal:6» Sukta:59» Mantra:9 | Ashtak:4» Adhyay:8» Varga:26» Mantra:4 | Mandal:6» Anuvak:5» Mantra:9


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

कौन उत्तम धनको प्राप्त होता है, इस विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (इन्द्राग्नी) वायु और बिजुली के समान सभा सेनाधीशो ! तुम यदि (इह) यहाँ (नः) हमारी (विश्वायुपोषसम्) समस्त आयु के पुष्ट करनेवाले (रयिम्) धन को (प्र, आ, यच्छतम्) अच्छे प्रकार देओ तो (युवोः) तुम्हारे (अपि) भी (दिव्यानि) अतीव उत्तम (पार्थिवा) पृथिवी में उत्पन्न हुए (वसु) धन आधीन हों ॥९॥
Connotation: - हे मनुष्यो ! जो सभा सेनापति बिजुली की विद्या को जान कर तुम्हारे लिये देते हैं, वे पूर्ण आयु करनेवाले धर्म से प्राप्त समग्र ऐश्वर्य को प्राप्त होते हैं ॥९॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

क उत्तम धनं प्राप्नोतीत्याह ॥

Anvay:

हे इन्द्राग्नी ! सभासेनेशौ युवां यदीह नो विश्वायुपोषसं रयिं प्राऽयच्छतं तर्हि युवोरपि दिव्यानि पार्थिवा वस्वाधीनानि जायन्ताम् ॥९॥

Word-Meaning: - (इन्द्राग्नी) वायुविद्युताविव सभासेनेशौ (युवोः) युवयोः (अपि) (वसु) वसूनि (दिव्यानि) अतीवोत्तमानि (पार्थिवा) पृथिव्यां भवानि (आ) (नः) (इह) (प्र) (यच्छतम्) (रयिम्) श्रियम् (विश्वायुपोषसम्) समग्रायुःपुष्टिकराम् ॥९॥
Connotation: - हे मनुष्या ! ये सभासेनेशा विद्युद्विद्यां विज्ञाय युष्मभ्यं प्रददति ते पूर्णायुष्करं धर्मेण प्राप्तं समग्रैश्वर्य्यं प्राप्नुवन्ति ॥९॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - हे माणसांनो ! जे सभा सेनापती विद्युत विद्या जाणून ती तुम्हाला देतात ते दीर्घायु होतात व धर्माने संपूर्ण ऐश्वर्य प्राप्त करतात. ॥ ९ ॥