Go To Mantra

पूष॒न्ननु॒ प्र गा इ॑हि॒ यज॑मानस्य सुन्व॒तः। अ॒स्माकं॑ स्तुव॒तामु॒त ॥६॥

English Transliteration

pūṣann anu pra gā ihi yajamānasya sunvataḥ | asmākaṁ stuvatām uta ||

Mantra Audio
Pad Path

पूष॑न्। अनु॑। प्र। गाः। इ॒हि॒। यज॑मानस्य। सु॒न्व॒तः। अ॒स्माक॑म्। स्तु॒व॒ताम्। उ॒त ॥६॥

Rigveda » Mandal:6» Sukta:54» Mantra:6 | Ashtak:4» Adhyay:8» Varga:20» Mantra:1 | Mandal:6» Anuvak:5» Mantra:6


Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

किन के सङ्ग से विद्या और राज्य को प्राप्त होवे, इस विषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (पूषन्) पुष्टि करनेवाले ! आप (सुन्वतः) यज्ञ के सम्पादन करनेवाले (यजमानस्य) यज्ञकर्त्ता के (उत) और (स्तुवताम्) विद्या की प्रशंसा करनेवाले (अस्माकम्) हम लोगों की (गाः) सुन्दर शिक्षित वाणी वा भूमियों को (अनु, प्र, इहि) अनुकूलता से प्राप्त होओ ॥६॥
Connotation: - हे शिल्पी विद्वान् जन ! आप राजधनादि के सहाय से हम से वा शिक्षा देनेवालों से विद्याओं को पाकर भूमिराज्य को प्राप्त होओ ॥६॥
Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

केषां सङ्गेन विद्याराज्ये प्राप्नुयादित्याह ॥

Anvay:

हे पूषंस्त्वँ सुन्वतो यजमानस्योत स्तुवतामस्माकं गा अनु प्रेहि ॥६॥

Word-Meaning: - (पूषन्) (अनु) (प्र) प्रकर्षेण (गाः) सुशिक्षिता वाचो भूमीर्वा (इहि) प्राप्नुहि (यजमानस्य) (सुन्वतः) यज्ञं सम्पादयतः (अस्माकम्) (स्तुवताम्) विद्याप्रशंसकानाम् (उत) (अपि) ॥६॥
Connotation: - हे शिल्पिंस्त्वं राजधनादिसहायेनाऽस्मच्छिक्षकेभ्यश्च विद्याः प्राप्य भूमिराज्यं प्राप्नुहि ॥६॥
Reads times

MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - हे कुशल कारागिरांनो ! तुम्ही राजधनाच्या साह्याने आमच्याकडून किंवा शिक्षकांकडून विद्या प्राप्त करून भूमीचे राज्य प्राप्त करा. ॥ ६ ॥