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दृते॑रिव तेऽवृ॒कम॑स्तु स॒ख्यम्। अच्छि॑द्रस्य दध॒न्वतः॒ सुपू॑र्णस्य दध॒न्वतः॑ ॥१८॥

English Transliteration

dṛter iva te vṛkam astu sakhyam | acchidrasya dadhanvataḥ supūrṇasya dadhanvataḥ ||

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Pad Path

दृतेः॑ऽइव। ते। अ॒वृ॒कम्। अ॒स्तु॒। स॒ख्यम्। अच्छि॑द्रस्य। द॒ध॒न्ऽवतः॑। सुऽपू॑र्णस्य। द॒ध॒न्ऽवतः॑ ॥१८॥

Rigveda » Mandal:6» Sukta:48» Mantra:18 | Ashtak:4» Adhyay:8» Varga:4» Mantra:2 | Mandal:6» Anuvak:4» Mantra:18


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

किन की मित्रता नहीं नष्ट होती है, इस विषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे विद्वन् ! (अच्छिद्रस्य) अखण्डित और (दधन्वतः) दृढ़ता से धारण करनेवालों को धारण करनेवाले (ते) तुम्हारी (अवृकम्) चोरी से रहित (सख्यम्) मित्रता (अस्तु) हो ॥१८॥
Connotation: - इस मन्त्र में उपमालङ्कार है। जैसे मेघ और भूमि का मित्रवत् व्यवहार है, वैसे ही धार्मिक विद्वानों की मित्रता अजर-अमर वर्त्तमान है ॥१८॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

केषां मित्रत्वं न नश्यतीत्याह ॥

Anvay:

हे विद्वन्नच्छिद्रस्य दधन्वतो दृतेरिव सुपूर्णस्य दधन्वतस्तेऽवृकं सख्यमस्तु ॥१८॥

Word-Meaning: - (दृतेरिव) मेघस्येव। दृतिरिति मेघनाम। (निघं०१.१०) (ते) तव (अवृकम्) अचौर्यम् (अस्तु) (सख्यम्) मित्रत्वम् (अच्छिद्रस्य) अखण्डितस्य (दधन्वतः) दृढत्वेन धर्तुः (सुपूर्णस्य) सुष्ठ्वलंजातस्य (दधन्वतः) विद्याशुभगुणधर्त्तॄणां धारकस्य ॥१८॥
Connotation: - अत्रोपमालङ्कारः। यथा मेघभूम्योर्मित्रवद्व्यवहारोऽस्ति तथैव धार्मिकाणां विदुषां मित्रताऽजराऽमरा वर्त्तते ॥१८॥
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MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - या मंत्रात उपमालंकार आहे. जसा मेघ व भूमीचा मित्राप्रमाणे व्यवहार असतो, तशीच धार्मिक विद्वानांची मैत्री अमर असते. ॥ १८ ॥