Go To Mantra

आ स॑खायः सब॒र्दुघां॑ धे॒नुम॑जध्व॒मुप॒ नव्य॑सा॒ वचः॑। सृ॒जध्व॒मन॑पस्फुराम् ॥११॥

English Transliteration

ā sakhāyaḥ sabardughāṁ dhenum ajadhvam upa navyasā vacaḥ | sṛjadhvam anapasphurām ||

Mantra Audio
Pad Path

आ। स॒खा॒यः॒। स॒बः॒ऽदुघा॑म्। धे॒नुम्। अ॒ज॒ध्व॒म्। उप॑। नव्य॑सा। वचः॑। सृ॒जध्व॑म्। अन॑पऽस्फुराम् ॥११॥

Rigveda » Mandal:6» Sukta:48» Mantra:11 | Ashtak:4» Adhyay:8» Varga:3» Mantra:1 | Mandal:6» Anuvak:4» Mantra:11


Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

कौन इस संसार में मित्र हैं, इस विषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (सखायः) मित्रवर्गो ! तुम (नव्यसा) अतीव नवीन पढ़ाने वा उपदेश करने से (सबर्दुघाम्) समस्त कामनाओं की पूर्ण करनेवाली (अनपस्फुराम्) निश्चल दृढ़ (धेनुम्) वाणी को (अजध्वम्) प्राप्त करिये तथा (वचः) अर्थात् वचन को (उप, आ, सृजध्वम्) विविध प्रकार की विद्या से युक्त करो ॥११॥
Connotation: - जो सुहृद् होकर सत्य, सुन्दर शिक्षायुक्त वाणी और विद्या को विद्यार्थियों को ग्रहण कराते हैं, वे संसार के शुद्ध करनेवाले होते हैं ॥११॥
Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

केऽत्र सुहृदः सन्तीत्याह ॥

Anvay:

हे सखायो ! यूयं नव्यसा सबर्दुघामनपस्फुरां धेनुमजध्वम्। वच उपाऽऽसृजध्वम् ॥११॥

Word-Meaning: - (आ) (सखायः) सुहृदः (सबर्दुघाम्) सर्वकामनाप्रपूरिकाम् (धेनुम्) वाचम्। धेनुरिति वाङ्नाम। (निघं०१.११) (अजध्वम्) प्राप्नुत (उप) (नव्यसा) अतिशयेन नवीनाध्यापनेनोपदेशेन वा (वचः) वचनम् (सृजध्वम्) विविधविद्यायुक्तं कुरुत (अनपस्फुराम्) निश्चलां दृढाम् ॥११॥
Connotation: - ये सुहृदो भूत्वा सत्यां सुशिक्षितां वाचं विद्यां च विद्यार्थिनो ग्राहयन्ति ते जगच्छोधका भवन्ति ॥११॥
Reads times

MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - जे सृहृद बनून सत्य, सुंदर सुशिक्षित वाणी व विद्या विद्यार्थ्यांना ग्रहण करवितात ते जगाची शुद्धी करतात. ॥ ११ ॥