यस्य॒ विश्वा॑नि॒ हस्त॑योरू॒चुर्वसू॑नि॒ नि द्वि॒ता। वी॒रस्य॑ पृतना॒षहः॑ ॥८॥
yasya viśvāni hastayor ūcur vasūni ni dvitā | vīrasya pṛtanāṣahaḥ ||
यस्य॑। विश्वा॑नि। हस्त॑योः। ऊ॒चुः। वसू॑नि। नि। द्वि॒ता। वी॒रस्य॑। पृ॒त॒ना॒ऽसहः॑ ॥८॥
SWAMI DAYANAND SARSWATI
फिर क्या करके राजा ऐश्वर्य्य को प्राप्त होवे, इस विषय को कहते हैं ॥
SWAMI DAYANAND SARSWATI
पुनः किं कृत्वा राजैश्वर्यं प्राप्नुयादित्याह ॥
हे विद्वांसो ! यस्य वीरस्य हस्तयोर्विश्वानि वसूनि पृतनाषहो न्यूचुस्तेन सह द्विता रक्षताम् ॥८॥
MATA SAVITA JOSHI
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