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धि॒ष्व वज्रं॒ गभ॑स्त्यो रक्षो॒हत्या॑य वज्रिवः। सा॒स॒ही॒ष्ठा अ॒भि स्पृधः॑ ॥१८॥

English Transliteration

dhiṣva vajraṁ gabhastyo rakṣohatyāya vajrivaḥ | sāsahīṣṭhā abhi spṛdhaḥ ||

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Pad Path

धि॒ष्व। वज्र॑म्। गभ॑स्त्योः। र॒क्षः॒ऽहत्या॑य। व॒ज्रि॒ऽवः॒। स॒स॒ही॒ष्ठाः। अ॒भि। स्पृधः॑ ॥१८॥

Rigveda » Mandal:6» Sukta:45» Mantra:18 | Ashtak:4» Adhyay:7» Varga:24» Mantra:3 | Mandal:6» Anuvak:4» Mantra:18


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर राजा आदि क्या ध्यान करके क्या करें, इस विषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (वज्रिवः) प्रशंसित शस्त्र और अस्त्रों के चलाने में चतुर और अत्यन्त ऐश्वर्य्य से युक्त राजन् ! आप (रक्षोहत्याय) दुष्टों के मारने के लिये (गभस्त्योः) हाथों के मध्य में (वज्रम्) शस्त्र और अस्त्रों के समूह को (धिष्व) धारण करिये तथा (स्पृधः) स्पृहा करने योग्य सङ्ग्रामों के (अभि) सन्मुख (सासहीष्ठाः) अत्यन्त सहिये ॥१८॥
Connotation: - हे राजन् वा सेना के जनो ! आप लोग शस्त्र और अस्त्रों के चलाने में चतुर होकर डाकू आदि शत्रुओं का नाश करके सहनशील हूजिये ॥१८॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुना राजादयः किं ध्यात्वा किं कुर्य्युरित्याह ॥

Anvay:

हे वज्रिव इन्द्र राजंस्त्वं रक्षोहत्याय गभस्त्योर्वज्रं धिष्व स्पृधोऽभि सासहीष्ठाः ॥१८॥

Word-Meaning: - (धिष्व) धेहि (वज्रम्) शस्त्रास्त्रसमूहम् (गभस्त्योः) हस्तयोर्मध्ये (रक्षोहत्याय) दुष्टानां हननाय (वज्रिवः) प्रशस्तशस्त्रास्त्रप्रयोगकुशल (सासहीष्ठाः) भृशं सहेथाः (अभि) आभिमुख्ये (स्पृधः) स्पर्हणीयान्त्सङ्ग्रामान् ॥१८॥
Connotation: - हे राजन्त्सेनाजना वा यूयं शस्त्रास्त्रप्रयोगेषु कुशला भूत्वा दस्य्वादीन् शत्रून् हत्वा सहनशीला भवत ॥१८॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - हे राजा किंवा सेनेतील लोकांनो ! तुम्ही शस्त्रास्त्रे चालविण्यात चतुर बनून दुष्ट शत्रूंचा नाश करून सहनशील व्हा. ॥ १८ ॥