सु॒वीरं॑ र॒यिमा भ॑र॒ जात॑वेदो॒ विच॑र्षणे। ज॒हि रक्षां॑सि सुक्रतो ॥२९॥
suvīraṁ rayim ā bhara jātavedo vicarṣaṇe | jahi rakṣāṁsi sukrato ||
सु॒ऽवीर॑म्। र॒यिम्। आ। भ॒र॒। जात॑ऽवेदः॑। विऽच॑र्षणे। ज॒हि। रक्षां॑सि। सु॒ऽक्र॒तो॒ इति॑ सुऽक्रतो ॥२९॥
SWAMI DAYANAND SARSWATI
फिर राजा को क्या करना चाहिये, इस विषय को कहते हैं ॥
SWAMI DAYANAND SARSWATI
पुना राज्ञं किं कर्त्तव्यमित्याह ॥
हे जातवेदो विचर्षणे सुक्रतो ! राजँस्त्वं सुवीरं रयिमाऽऽभर रक्षांसि जहि ॥२९॥
MATA SAVITA JOSHI
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