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ता राजा॑ना॒ शुचि॑व्रतादि॒त्यान्मारु॑तं ग॒णम्। वसो॒ यक्षी॒ह रोद॑सी ॥२४॥

English Transliteration

tā rājānā śucivratādityān mārutaṁ gaṇam | vaso yakṣīha rodasī ||

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Pad Path

ता। राजा॑ना। शुचि॑ऽव्रता। आ॒दि॒त्यान्। मारु॑तम्। ग॒णम्। वसो॒ इति॑। यक्षि॑। इ॒ह। रोद॑सी॒ इति॑ ॥२४॥

Rigveda » Mandal:6» Sukta:16» Mantra:24 | Ashtak:4» Adhyay:5» Varga:25» Mantra:4 | Mandal:6» Anuvak:2» Mantra:24


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर मनुष्यों को क्या करना चाहिये, इस विषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (वसो) श्रेष्ठ गुणों के वसानेवाले ! आप (इह) इस संसार में (ता) उन दोनों मित्र के सदृश वर्त्तमान (शुचिव्रता) पवित्र कर्म्मवाले (राजाना) प्रकाशमान हुए तथा (आदित्यान्) बारह महीनों और (मारुतम्) मनुष्य सम्बन्धी इस (गणम्) समहू को (रोदसी) अन्तरिक्ष और पृथिवी को (यक्षि) उत्तम प्रकार प्राप्त कराइये ॥२४॥
Connotation: - जो मनुष्य पढ़ाने और पढ़नेवाले आदिकों की सेवा करके पदार्थविद्या को ग्रहण करते हैं, वे सुखी होते हैं ॥२४॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनर्मनुष्यैः किं कर्त्तव्यमित्याह ॥

Anvay:

हे वसो ! त्वमिह ता शुचिव्रता राजानाऽऽदित्यान् मारुतं गणं रोदसी च यक्षि ॥२४॥

Word-Meaning: - (ता) तौ मित्रद्वर्त्तमानौ (राजाना) प्रकाशमानौ (शुचिव्रता) पवित्रकर्म्माणौ (आदित्यान्) द्वादश मासान् (मारुतम्) मरुतां मनुष्याणामिमम् (गणम्) समूहम् (वसो) शुभगुणवासयितः (यक्षि) सङ्गमय (इह) अस्मिन् संसारे (रोदसी) द्यावापृथिव्यौ ॥२४॥
Connotation: - ये मनुष्या अध्यापकाऽध्येत्रादीन् सेवित्वा पदार्थविद्यां गृह्णन्ति ते सुखिनो भवन्ति ॥२४॥
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MATA SAVITA JOSHI

N/A

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Connotation: - जी माणसे अध्यापक, अध्येता इत्यादींची सेवा करून पदार्थ विद्या ग्रहण करतात ती सुखी होतात. ॥ २४ ॥