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नाना॒ ह्य१॒॑ग्नेऽव॑से॒ स्पर्ध॑न्ते॒ रायो॑ अ॒र्यः। तूर्व॑न्तो॒ दस्यु॑मा॒यवो॑ व्र॒तैः सीक्ष॑न्तो अव्र॒तम् ॥३॥

English Transliteration

nānā hy agne vase spardhante rāyo aryaḥ | tūrvanto dasyum āyavo vrataiḥ sīkṣanto avratam ||

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Pad Path

नाना॑। हि। अ॒ग्ने॒। अव॑से। स्पर्ध॑न्ते। रायः। अ॒र्यः। तूर्व॑न्तः। दस्यु॑म्। आ॒यवः॑। व्र॒तैः। सीक्ष॑न्तः। अ॒व्र॒तम् ॥३॥

Rigveda » Mandal:6» Sukta:14» Mantra:3 | Ashtak:4» Adhyay:5» Varga:16» Mantra:3 | Mandal:6» Anuvak:1» Mantra:3


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (अग्ने) विद्वन् ! जो (हि) निश्चय (नाना) अनेक (अव्रतम्) धर्म्मयुक्त कर्म्म से रहित (दस्युम्) दुष्ट जन की (तूर्वन्तः) हिंसा करते और (व्रतैः) कर्म्मों से (सीक्षन्तः) सहने की इच्छा करते हुए (आयवः) मनुष्य (अवसे) रक्षण आदि के लिये (स्पर्धन्ते) दूसरे की बड़ाई को नहीं सहते हैं, उनके (रायः) धन का (अर्य्यः) स्वामी सत्कार करे ॥३॥
Connotation: - जो दुष्टों के निवारण में प्रयत्न करते हैं, वे मनुष्य धनवान् होते हैं ॥३॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह ॥

Anvay:

हे अग्ने ! ये हि नानाऽव्रतं दस्युं तूर्वन्तो व्रतैः सीक्षन्त आयवोऽवसे स्पर्धन्ते तान् रायोऽर्य्यः स्वामी सत्कुर्य्यात् ॥३॥

Word-Meaning: - (नाना) अनेके (हि) खलु (अग्ने) विद्वन् (अवसे) रक्षणाद्याय (स्पर्धन्ते) परोत्कर्षं न सहन्ते (रायः) धनस्य (अर्य्यः) स्वामी (तूर्वन्तः) हिंसन्तः (दस्युम्) दुष्टम् (आयवः) मनुष्याः (व्रतैः) कर्मभिः (सीक्षन्तः) सोढुमिच्छन्तः (अव्रतम्) धर्म्यकर्म्मरहितम् ॥३॥
Connotation: - ये दुष्टानां निवारणे प्रयतन्ते ते मनुष्याः श्रीपतयो भवन्ति ॥३॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - जी माणसे दुष्टांचे निवारण करण्याचा प्रयत्न करतात ती धनवान होतात. ॥ ३ ॥