य इ॒मा विश्वा॑ जा॒तान्या॑श्रा॒वय॑ति॒ श्लोके॑न। प्र च॑ सु॒वाति॑ सवि॒ता ॥९॥
ya imā viśvā jātāny āśrāvayati ślokena | pra ca suvāti savitā ||
यः। इ॒मा। विश्वा॑। जा॒तानि॑। आ॒ऽश्र॒वय॑ति। श्लोके॑न। प्र। च॒। सु॒वाति॑। स॒वि॒ता ॥९॥
SWAMI DAYANAND SARSWATI
मनुष्यों से कौन परम गुरु माना जाता है, इस विषय को कहते हैं ॥
SWAMI DAYANAND SARSWATI
मनुष्यैः कः परमगुरुर्मन्यत इत्याह ॥
हे मनुष्या ! यः श्लोकेनेमा विश्वा जातान्याश्रावयति स च सविताऽस्मान् प्र सुवाति ॥९॥
MATA SAVITA JOSHI
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