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आ भा॑त्य॒ग्निरु॒षसा॒मनी॑क॒मुद्विप्रा॑णां देव॒या वाचो॑ अस्थुः। अ॒र्वाञ्चा॑ नू॒नं र॑थ्ये॒ह या॑तं पीपि॒वांस॑मश्विना घ॒र्ममच्छ॑ ॥१॥

English Transliteration

ā bhāty agnir uṣasām anīkam ud viprāṇāṁ devayā vāco asthuḥ | arvāñcā nūnaṁ rathyeha yātam pīpivāṁsam aśvinā gharmam accha ||

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Pad Path

आ। भा॒ति॒। अ॒ग्निः। उ॒षसा॑म्। अनी॑कम्। उत्। विप्रा॑णाम्। दे॒व॒ऽयाः। वाचः॑। अ॒स्थुः॒। अ॒र्वाञ्चा॑। नू॒नम्। र॒थ्या॒। इ॒ह। या॒त॒म्। पी॒पि॒ऽवांस॑म्। अ॒श्वि॒ना॒। घ॒र्मम्। अच्छ॑ ॥१॥

Rigveda » Mandal:5» Sukta:76» Mantra:1 | Ashtak:4» Adhyay:4» Varga:17» Mantra:1 | Mandal:5» Anuvak:6» Mantra:1


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अब पाँच ऋचावाले छहत्तरवें सूक्त का प्रारम्भ है, उसके प्रथम मन्त्र में फिर स्त्री-पुरुष कैसे वर्त्तें, इस विषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (रथ्या) वाहनों में प्रवीण (अर्वाञ्चा) नीचे चलनेवाले (अश्विना) स्त्रीपुरुषो ! जो (विप्राणाम्) बुद्धिमानों की (देवयाः) विद्वानों को प्राप्त होनेवाली (वाचः) वाणियाँ (अस्थुः) हैं और जो (उषसाम्) प्रभात वेलाओं की (अनीकम्) सेनारूप (अग्नि) सूर्य्यरूप से परिणत हुआ अग्नि (उत्) ऊपर को (भाति) प्रकाशित होता है उनसे (इह) इस संसार में (पीपिवांसम्) उत्तम प्रकार बढ़ते हुए (घर्मम्) गृहाश्रम के कृत्य नामक यज्ञ को (नूनम्) निश्चित (अच्छ) अच्छे प्रकार (आ) सब प्रकार से (यातम्) प्राप्त होओ ॥१॥
Connotation: - हे बुद्धिमान् जनो ! जैसे बिजुली आदि अग्नि बहुत कार्य्यों को सिद्ध करता है, वैसे ही स्त्रीपुरुष मिलकर गृहकृत्यों को सिद्ध करें ॥१॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनः स्त्रीपुरुषौ कथं वर्त्तेयातामित्याह ॥

Anvay:

हे रथ्याऽर्वाञ्चाऽश्विना ! या विप्राणां देवया वाचोऽस्थुर्यं उषसामनीकमग्निरुद्भाति तैरिह पीपिवांसं घर्मं नूनमच्छाऽऽयातम् ॥१॥

Word-Meaning: - (आ) समन्तात् (भाति) (अग्निः) सूर्य्यरूपेण परिणतः (उषसाम्) प्रभातवेलानाम् (अनीकम्) सैन्यम् (उत्) (विप्राणाम्) मेधाविनाम् (देवयाः) या देवान् विदुषो यान्ति ताः (वाचः) वाण्यः (अस्थुः) सन्ति (अर्वाञ्चा) यावर्वागञ्चतो गच्छतस्तौ (नूनम्) निश्चितम् (रथ्या) रथेषु यानेषु साधू (इह) (यातम्) (पीपिवांसम्) सम्यग्वर्धमानम् (अश्विना) स्त्रीपुरुषौ (घर्मम्) गृहाश्रमकृत्याख्यं यज्ञम् (अच्छ) सम्यक् ॥१॥
Connotation: - हे धीमन्तो ! यथा विद्युदादिरग्निर्बहूनि कार्याणि साध्नोति तथैव स्त्रीपुरुषौ मिलित्वा गृहकृत्यानि साध्नुयाताम् ॥१॥
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MATA SAVITA JOSHI

या सूक्तात अग्नी, राजा व उपदेशकाच्या गुणाचे वर्णन असल्यामुळे या सूक्ताच्या अर्थाची पूर्वसूक्तार्थाबरोबर संगती जाणावी.

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - हे बुद्धिमान लोकांनो! जसा विद्युत इत्यादी अग्नी पुष्कळ कार्य करतो. तसे स्त्री-पुरुषांनी मिळून गृहकत्ये करावीत. ॥ १ ॥