शुचिः॑ ष्म॒ यस्मा॑ अत्रि॒वत्प्र स्वधि॑तीव॒ रीय॑ते। सु॒षूर॑सूत मा॒ता क्रा॒णा यदा॑न॒शे भग॑म् ॥८॥
śuciḥ ṣma yasmā atrivat pra svadhitīva rīyate | suṣūr asūta mātā krāṇā yad ānaśe bhagam ||
शुचिः॑। स्म॒। यस्मै॑। अ॒त्रि॒ऽवत्। प्र। स्वधि॑तिःऽइव। रीय॑ते। सु॒ऽसूः। अ॒सू॒त॒। मा॒ता। क्रा॒णा। यत्। आ॒न॒शे। भग॑म् ॥८॥
SWAMI DAYANAND SARSWATI
अब राजशिक्षा विषय को कहते हैं ॥
SWAMI DAYANAND SARSWATI
अथ राजशासनविषयमाह ॥
यद्या शुचिः क्राणा माता यस्मै स्वधितीवात्रिवत्सुषूरसूत प्र रीयते सा स्म भगमानशे ॥८॥
MATA SAVITA JOSHI
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