सु॒दे॒वः स॑महासति सु॒वीरो॑ नरो मरुतः॒ स मर्त्यः॑। यं त्राय॑ध्वे॒ स्याम॒ ते ॥१५॥
sudevaḥ samahāsati suvīro naro marutaḥ sa martyaḥ | yaṁ trāyadhve syāma te ||
सु॒ऽदे॒वः। स॒म॒॒ह॒। अ॒स॒ति॒। सु॒ऽवी॑रः। न॒रः॒। म॒रु॒तः॒। सः। मर्त्यः॑। यम्। त्राय॑ध्वे। स्याम॑। ते ॥१५॥
SWAMI DAYANAND SARSWATI
फिर मनुष्यों को क्या करना चाहिये, इस विषय को कहते हैं ॥
SWAMI DAYANAND SARSWATI
पुनर्मनुष्यैः किं कर्त्तव्यमित्याह ॥
हे समह ! स सुदेवः सुवीरो मर्त्योऽसति यं हे मरुतो नरस्ते यूयं त्रायध्वे वयं तेन सहिताः स्याम ॥१५॥
MATA SAVITA JOSHI
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