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येन॑ तो॒काय॒ तन॑याय धा॒न्यं१॒॑ बीजं॒ वह॑ध्वे॒ अक्षि॑तम्। अ॒स्मभ्यं॒ तद्ध॑त्तन॒ यद्व॒ ईम॑हे॒ राधो॑ वि॒श्वायु॒ सौभ॑गम् ॥१३॥

English Transliteration

yena tokāya tanayāya dhānyam bījaṁ vahadhve akṣitam | asmabhyaṁ tad dhattana yad va īmahe rādho viśvāyu saubhagam ||

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Pad Path

येन॑। तो॒काय॑। तन॑याय। धा॒न्य॑म्। बीज॑म्। वह॑ध्वे। अक्षि॑तम्। अ॒स्मभ्य॑म्। तत्। ध॒त्त॒न॒। यत्। वः॒। ईम॑हे। राधः॑। वि॒श्वऽआयु॑। सौभ॑गम् ॥१३॥

Rigveda » Mandal:5» Sukta:53» Mantra:13 | Ashtak:4» Adhyay:3» Varga:13» Mantra:3 | Mandal:5» Anuvak:4» Mantra:13


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर मनुष्यों को क्या करना चाहिये, इस विषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे मनुष्यो ! (येन) जिस कर्म्म से (तोकाय) तुरन्त उत्पन्न हुए सन्तान के और (तनयाय) कुमार के लिये (अक्षितम्) नाश से रहित (धान्यम्) तण्डुल आदि को और (बीजम्) बोने के योग्य को (वहध्वे) प्राप्त हूजिये और (यत्) जिस (विश्वायु) सम्पूर्ण आयु के करने और (सौभगम्) सौभाग्य को बढ़ानेवाले नाश से रहित (राघः) धन की (वः) आप लोगों के लिये (ईमहे) याचना करते हैं (तत्) उसको (अस्मभ्यम्) हम लोगों के लिये (धत्तन) धारण करिये ॥१३॥
Connotation: - जो मनुष्य सन्तानों की रक्षा के लिये धान्य आदि वस्तु की उत्तम प्रकार रक्षा करते हैं, वे नाश रहित सुख को प्राप्त होते हैं ॥१३॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनर्मनुष्यैः किं कर्त्तव्यमित्याह ॥

Anvay:

हे मनुष्या ! येन तोकाय तनयायाक्षितं धान्यं बीजं च यूयं वहध्वे। यद्विश्वायु सौभगमक्षितं राधो वा ईमहे तदस्मभ्यं धत्तन ॥१३॥

Word-Meaning: - (येन) कर्मणा (तोकाय) सद्यो जातायापत्याय (तनयाय) कुमाराय (धान्यम्) तण्डुलादिकम् (बीजम्) वपनार्हम् (वहध्वे) वहत (अक्षितम्) क्षयरहितम् (अस्मभ्यम्) (तत्) (धत्तन) धरत (यत्) (वः) युष्मदर्थम् (ईमहे) याचामहे (राधः) धनम् (विश्वायु) सम्पूर्णमायुष्करम् (सौभगम्) सौभाग्यवर्धकम् ॥१३॥
Connotation: - ये मनुष्या अपत्यरक्षार्थं धान्यादिवस्तु संरक्षन्ति तेऽक्षयं सुखं लभन्ते ॥१३॥
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MATA SAVITA JOSHI

N/A

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Connotation: - जी माणसे संतानाच्या रक्षणासाठी धान्य इत्यादी वस्तूंचे उत्तम प्रकारे रक्षण करतात ती अक्षय सुख प्राप्त करतात. ॥ १३ ॥