Go To Mantra

विश्वे॑ दे॒वा नो॑ अ॒द्या स्व॒स्तये॑ वैश्वान॒रो वसु॑र॒ग्निः स्व॒स्तये॑। दे॒वा अ॑वन्त्वृ॒भवः॑ स्व॒स्तये॑ स्व॒स्ति नो॑ रु॒द्रः पा॒त्वंह॑सः ॥१३॥

English Transliteration

viśve devā no adyā svastaye vaiśvānaro vasur agniḥ svastaye | devā avantv ṛbhavaḥ svastaye svasti no rudraḥ pātv aṁhasaḥ ||

Mantra Audio
Pad Path

विश्वे॑। दे॒वाः। नः॒। अ॒द्य। स्व॒स्तये॑। वै॒श्वा॒न॒रः। वसुः॑। अ॒ग्निः। स्व॒स्तये॑। दे॒वाः। अ॒व॒न्तु॒। ऋ॒भवः॑। स्व॒स्तये॑। स्व॒स्ति। नः॒। रु॒द्रः। पा॒तु॒। अंह॑सः ॥१३॥

Rigveda » Mandal:5» Sukta:51» Mantra:13 | Ashtak:4» Adhyay:3» Varga:7» Mantra:3 | Mandal:5» Anuvak:4» Mantra:13


Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर विद्वान् जन क्या करें, इस विषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे मनुष्यो ! जैसे (अद्या) आज (विश्वे, देवाः) सम्पूर्ण विद्वान् जन (स्वस्तये) सुख के लिये (नः) हम लोगों की (अवन्तु) रक्षा करें और (स्वस्तये) सुख के लिये (वैश्वानरः) समस्त मनुष्यों में प्रकाशमान (वसुः) सर्वत्र वसनेवाला (अग्निः) अग्नि रक्षा करे और (ऋभवः) बुद्धिमान् (देवाः) विद्वान् जन (स्वस्तये) विद्यासुख के लिये रक्षा करें और (रुद्रः) दुष्टों को दण्ड देनेवाला (स्वस्ति) सुख की भावना करके (नः) हम लोगों की (अंहसः) अपराध से (पातु) रक्षा करे ॥१३॥
Connotation: - विद्वानों की योग्यता है कि उपदेश और अध्यापन से सब मनुष्यों की निरन्तर रक्षा करके वृद्धि करावें ॥१३॥
Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनर्विद्वांसः कि कुर्य्युरित्याह ॥

Anvay:

हे मनुष्या ! यथाद्या विश्वे देवाः स्वस्तये नोऽवन्तु स्वस्तये वैश्वानरो वसुरग्निरवन्त्वृभवो देवाः स्वस्तयेऽवन्तु रुद्रः स्वस्ति भावयित्वा नोऽस्मानंहसः पातु ॥१३॥

Word-Meaning: - (विश्वे) सर्वे (देवाः) विद्वांसः (नः) अस्मान् (अद्या) अत्र निपातस्य चेति दीर्घः। (स्वस्तये) सुखाय (वैश्वानरः) विश्वेषु नरेषु राजमानः (वसुः) यः सर्वत्र वसति (अग्निः) पावकः (स्वस्तये) आनन्दाय (देवाः) विद्वांसः (अवन्तु) (ऋभवः) मेधाविनः (स्वस्तये) विद्यासुखाय (स्वस्ति) सुखकरं वर्त्तमानम् (नः) अस्मान् (रुद्रः) दुष्टदण्डकः (पातु) (अंहसः) अपराधात् ॥१३॥
Connotation: - विदुषां योग्यतास्ति उपदेशाध्यापनाभ्यां सर्वान् मनुष्यान् सततं रक्षयित्वा वर्धयन्तु ॥१३॥
Reads times

MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - विद्वानांची ही योग्यता असते की उपदेश व अध्यापनाने सर्व माणसांचे निरंतर रक्षण करून उन्नती करावी. ॥ १३ ॥