Go To Mantra

सू॒क्तेभि॑र्वो॒ वचो॑भिर्दे॒वजु॑ष्टै॒रिन्द्रा॒ न्व१॒॑ग्नी अव॑से हु॒वध्यै॑। उ॒क्थेभि॒र्हि ष्मा॑ क॒वयः॑ सुय॒ज्ञा आ॒विवा॑सन्तो म॒रुतो॒ यज॑न्ति ॥४॥

English Transliteration

sūktebhir vo vacobhir devajuṣṭair indrā nv agnī avase huvadhyai | ukthebhir hi ṣmā kavayaḥ suyajñā āvivāsanto maruto yajanti ||

Mantra Audio
Pad Path

सु॒ऽउ॒क्तेभिः। वः॒। वचः॑ऽभिः। दे॒वऽजु॑ष्टैः। इन्द्रा॑। नु। अ॒ग्नी इति॑। अव॑से। हु॒वध्यै॑। उ॒क्थेभिः॑। हि। स्म॒। क॒वयः॑। सु॒ऽय॒ज्ञाः। आ॒ऽविवा॑सन्तः। म॒रुतः॑। यज॑न्ति ॥४॥

Rigveda » Mandal:5» Sukta:45» Mantra:4 | Ashtak:4» Adhyay:2» Varga:26» Mantra:4 | Mandal:5» Anuvak:4» Mantra:4


Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे मनुष्यो ! जैसे (आविवासन्तः) सत्य का सब प्रकार से सेवन करते हुए (सुयज्ञाः) सुन्दर विद्या और धर्म के प्रचार करनेवाली क्रिया जिनकी ऐसे (कवयः) बुद्धिमान् विद्वान् (मरुतः) मनुष्य (सूक्तेभिः) जो उत्तम प्रकार कहे जायें उन (देवजुष्टैः) विद्वानों से सेवित और (उक्थेभिः) प्रशंसा करनेवाले (वचोभिः) उत्तम प्रकार शिक्षित वचनों से (हि) निश्चय से (इन्द्रा) बिजुली (अग्नी) और अग्नि को तथा (वः) आप लोगों को (अवसे) रक्षण आदि के लिये (हुवध्यै) ग्रहण करने को (नु) शीघ्र (यजन्ति) मिलते हैं, वैसे (स्मा) ही आप लोग भी इस प्रकार मिलो ॥४॥
Connotation: - जो विद्वान् जन सब के लिये सुख, विद्या और विज्ञान का सेवन करते हुए अग्नि आदि की विद्या को सब के लिये देते हैं, वे ही उत्तम होते हैं ॥४॥
Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह ॥

Anvay:

हे मनुष्या ! यथा आविवासन्तः सुयज्ञाः कवयो मरुतः सूक्तेभिर्देवजुष्टैरुक्थेभिर्वचोभिर्हीन्द्राग्नी वो युष्मांश्चावसे हुवध्यै नु यजन्ति तथा स्मा यूयमप्येवं यजत ॥४॥

Word-Meaning: - (सूक्तेभिः) सुष्ठूच्यन्ते यानि तैः (वः) युष्मान् (वचोभिः) सुशिक्षितैर्वचनैः (देवजुष्टैः) विद्वद्भिः सेवितैः (इन्द्रा) विद्युतम् (नु) सद्यः (अग्नी) पावकौ (अवसे) रक्षणाद्याय (हुवध्यै) ग्रहीतुम् (उक्थेभिः) प्रशंसकैः (हि) निश्चयेन (स्मा) एव। अत्र निपातस्य चेति दीर्घः। (कवयः) मेधाविनो विद्वांसः (सुयज्ञाः) शोभना यज्ञा विद्याधर्मप्रचारिका क्रिया येषान्ते (आविवासन्तः) सत्यं समन्तात् सेवमानाः (मरुतः) मनुष्याः (यजन्ति) सङ्गच्छन्ते ॥४॥
Connotation: - ये विद्वांसः सर्वार्थं सुखं विद्यां विज्ञानं सेवमाना अग्न्यादिविद्यां सर्वेभ्यः प्रयच्छन्ति त एवोत्तमा भवन्ति ॥४॥
Reads times

MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - जे विद्वान सर्वांसाठी सुख, विद्या व विज्ञान ग्रहण करतात. अग्नी इत्यादींची विद्या सर्वांना देतात तेच उत्तम असतात. ॥ ४ ॥