Go To Mantra

स्व॑र्भानो॒रध॒ यदि॑न्द्र मा॒या अ॒वो दि॒वो वर्त॑माना अ॒वाह॑न्। गू॒ळ्हं सूर्यं॒ तम॒साप॑व्रतेन तु॒रीये॑ण॒ ब्रह्म॑णाविन्द॒दत्रिः॑ ॥६॥

English Transliteration

svarbhānor adha yad indra māyā avo divo vartamānā avāhan | gūḻhaṁ sūryaṁ tamasāpavratena turīyeṇa brahmaṇāvindad atriḥ ||

Mantra Audio
Pad Path

स्वः॑ऽभानोः। अध॑। यत्। इ॒न्द्र॒। मा॒याः। अ॒वः। दि॒वः। वर्त॑मानाः। अ॒व॒ऽअह॑न्। गू॒ळ्हम्। सूर्य॑म्। तम॑सा। अप॑ऽव्रतेन। तु॒रीये॑ण। ब्रह्म॑णा। अ॒वि॒न्द॒त्। अत्रिः॑ ॥६॥

Rigveda » Mandal:5» Sukta:40» Mantra:6 | Ashtak:4» Adhyay:2» Varga:12» Mantra:1 | Mandal:5» Anuvak:3» Mantra:6


Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर सूर्य्यविषय को अगले मन्त्र में कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (इन्द्र) विद्वन् ! (यत्) जो (स्वर्भानोः) सूर्य्य के प्रकाशक के सम्बन्ध में (दिवः) प्रकाशमान (वर्त्तमानाः) स्थित (मायाः) बुद्धियाँ (अपव्रतेन) अन्यथा वर्त्तमान (तमसा) अन्धकार से और (तुरीयेण) चौथे (ब्रह्मणा) धन से (गूळ्हम्) गुप्त बिजलीनामक (सूर्यम्) सूर्य के उत्पन्न करनेवाले को (अवः) नीचे (अवाहन्) प्राप्त करती हैं (अध) इसके अनन्तर (अत्रिः) निरन्तर चलनेवाला (अविन्दत्) प्राप्त होता है, उनको आप जानिये ॥६॥
Connotation: - जैसे गुप्त बिजुली के प्रकाश बड़े कार्य को सिद्ध करते हैं, वैसे ही विद्वानों की बुद्धियाँ सम्पूर्ण विज्ञान कार्य्यों को सिद्ध करती हैं ॥६॥
Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनः सूर्यविषयमाह ॥

Anvay:

हे इन्द्र ! यद्या स्वर्भानोर्दिवो वर्त्तमाना माया अपव्रतेन तमसा तुरीयेण ब्रह्मणा गूळ्हं सूर्य्यमवोऽवाहन्नधात्रिरविन्दत् तास्त्वं विजानीहि ॥६॥

Word-Meaning: - (स्वर्भानोः) आदित्यप्रकाशस्य (अध) आनन्तर्य्ये (यत्) याः (इन्द्र) विद्वन् (मायाः) प्रज्ञाः (अवः) अधस्थात् (दिवः) प्रकाशमानाः (वर्त्तमानाः) (अवाहन्) वहन्ति (गूळ्हम्) गुप्तं विद्युदाख्यम् (सूर्य्यम्) सवितुः सवितारम् (तमसा) अन्धकारेण (अपव्रतेन) अन्यथा वर्त्तमानेन (तुरीयेण) चतुर्थेन (ब्रह्मणा) धनेन (अविन्दत्) लभते (अत्रिः) सततं गामी ॥६॥
Connotation: - यथा गुप्ता विद्युदीप्तयो महत्कार्य्यं साध्नुवन्ति तथैव विदुषां प्रज्ञाः सर्वाणि प्रज्ञानकृत्यानि साध्नुवन्ति ॥६॥
Reads times

MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - जसा गुप्त विद्युत प्रकाश मोठमोठे कार्य सिद्ध करतो. तशीच विद्वानांची बुद्धी संपूर्ण विज्ञान कार्य सिद्ध करते. ॥ ६ ॥