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भूरि॒ नाम॒ वन्द॑मानो दधाति पि॒ता व॑सो॒ यदि॒ तज्जो॒षया॑से। कु॒विद्दे॒वस्य॒ सह॑सा चका॒नः सु॒म्नम॒ग्निर्व॑नते वावृधा॒नः ॥१०॥

English Transliteration

bhūri nāma vandamāno dadhāti pitā vaso yadi taj joṣayāse | kuvid devasya sahasā cakānaḥ sumnam agnir vanate vāvṛdhānaḥ ||

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Pad Path

भूरि॑। नाम॑। वन्द॑मानः। द॒धा॒ति॒। पि॒ता। व॒सो॒ इति॑। यदि॑। तत्। जो॒षया॑से। कु॒वित्। दे॒वस्य॑। सह॑सा। च॒का॒नः। सु॒म्नम्। अ॒ग्निः। व॒न॒ते॒। व॒वृ॒धा॒नः ॥१०॥

Rigveda » Mandal:5» Sukta:3» Mantra:10 | Ashtak:3» Adhyay:8» Varga:17» Mantra:4 | Mandal:5» Anuvak:1» Mantra:10


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (वसो) निवास करनेवाले ! जो आपकी (वन्दमानः) स्तुति करता हुआ (देवस्य) विद्वान् के (सहसा) बल से (सुम्नम्) सुख की (चकानः) कामना करता और (अग्निः) अग्नि के सदृश (वावृधानः) निरन्तर बढ़ता हुआ (पिता) उत्पन्न करनेवाला (यदि) यदि (भूरि) बहुत (कुवित्) बड़े जिस (नाम) नाम को (दधाति) धारण करता और (वनते) सेवन करता है और (तत्) उसका तो आप (जोषयासे) सेवन करें ॥१०॥
Connotation: - हे सन्तानो ! जो आप लोगों के माता-पिता दूसरे विद्यारूप जन्म नामक द्विज ऐसा नाम विधान करते हैं, उनका सेवन निरन्तर तुम लोग करो ॥१०॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह ॥

Anvay:

हे वसो ! यस्ते वन्दमानो देवस्य सहसा सुम्नं चकानोऽग्निरिव वावृधानः पिता यदि भूरि कुविद्यन्नाम दधाति वनते तत्तर्हि त्वं जोषयासे ॥१०॥

Word-Meaning: - (भूरि) बहु (नाम) संज्ञाम् (वन्दमानः) स्तुवन् (दधाति) (पिता) जनकः (वसो) वासयितः (यदि) (तत्) (जोषयासे) सेवयेः (कुवित्) महत् (देवस्य) विदुषः (सहसा) बलेन (चकानः) कामयमानः (सुम्नम्) सुखम् (अग्निः) पावक इव (वनते) सम्भजति (वावृधानः) अत्र तुजादीनामित्यभ्यासदैर्घ्यम् ॥१०॥
Connotation: - हे सन्ताना ! ये युष्माकं पितरो द्वितीयं विद्याजन्माख्यं द्विजेति नाम विदधति तेषां सेवनं सततं यूयं कुरुत ॥१०॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - हे संतानांनो! तुमचे माता-पिता द्विज नावाचा दुसरा विद्यारूपी जन्म देतात त्याचे तुम्ही निरंतर सेवन करा. ॥ १० ॥