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उ॒त स्वा॒नासो॑ दि॒वि ष॑न्त्व॒ग्नेस्ति॒ग्मायु॑धा॒ रक्ष॑से॒ हन्त॒वा उ॑। मदे॑ चिदस्य॒ प्र रु॑जन्ति॒ भामा॒ न व॑रन्ते परि॒बाधो॒ अदे॑वीः ॥१०॥

English Transliteration

uta svānāso divi ṣantv agnes tigmāyudhā rakṣase hantavā u | made cid asya pra rujanti bhāmā na varante paribādho adevīḥ ||

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Pad Path

उ॒त। स्वा॒नासः॒। दि॒वि। स॒न्तु॒। अ॒ग्नेः। ति॒ग्मऽआ॑युधाः। रक्ष॑से। हन्त॒वै। ऊँ॒ इति॑। मदे॑। चि॒त्। अ॒स्य॒। प्र। रु॒ज॒न्ति॒। भामाः॑। न। व॒र॒न्ते॒। प॒रि॒ऽबाधः॑। अदे॑वीः ॥१०॥

Rigveda » Mandal:5» Sukta:2» Mantra:10 | Ashtak:3» Adhyay:8» Varga:15» Mantra:4 | Mandal:5» Anuvak:1» Mantra:10


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अब धनुर्वेद के दृष्टान्त से अविद्यानिवारण को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे विद्वानो ! (अग्नेः) अग्नि से (तिग्मायुधाः) तीक्ष्ण आयुधयुक्त (स्वानासः) उपदेश करनेवाले (दिवि) विद्या के प्रकाश में वर्त्तमान (रक्षसे) दुष्टों के विनाश करने के लिये (हन्तवै) हनने को समर्थ (सन्तु) हूजिये और (उत) भी (मदे) आनन्द के लिये प्रवृत्त हूजिये (चित्, उ) और भी (अस्य) इसके (भामाः) क्रोधों के (न) तुल्य (परिबाधः) सब ओर से बन्धनों को (अदेवीः) प्रमादरहित क्रियायें (प्र, रुजन्ति) सब प्रकार भङ्ग करती और (वरन्ते) स्वीकार करती हैं, उनका निवारण करो ॥१०॥
Connotation: - हे विद्वानो ! आप लोग जैसे धनुर्वेद को पढ़े हुए शस्त्र और अस्त्रों के प्रक्षेप अर्थात् चलाने रूप युद्ध में चतुर जन अग्निसम्बन्धी अस्त्रादिकों से शत्रुओं का निवारण करके विजय को प्रकाशित करते हैं, वैसे ही अत्यन्त विद्या के पढ़ाने और उपदेश करने से अविद्याकृत प्रमादों का निवारण करके विद्याकृत श्रेष्ठ गुणों का प्रकाश करो ॥१०॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अथ धनुर्वेददृष्टान्तेनाविद्यानिवारणमाह ॥

Anvay:

हे विद्वांसोऽग्नेऽस्तिग्मायुधाः स्वानासो दिवि वर्त्तमाना भवन्तो रक्षसे हन्तवै समर्थाः सन्तु। उतापि मदे प्रवृत्ताः सन्तु चिद्वस्य भामा न परिबाधोऽदेवीः प्र रुजन्ति वरन्ते ता निवारयन्तु ॥१०॥

Word-Meaning: - (उत) (स्वानासः) उपदेशकाः (दिवि) विद्याप्रकाशे (सन्तु) (अग्नेः) पावकात् (तिग्मायुधाः) तीक्ष्णायुधाः (रक्षसे) दुष्टविनाशाय (हन्तवै) हन्तुम् (उ) (मदे) आनन्दाय (चित्) (अस्य) (प्र) (रुजन्ति) आभञ्जन्ति (भामाः) क्रोधाः (न) इव (वरन्ते) स्वीकुर्वन्ति (परिबाधः) सर्वतो बाधनानि (अदेवीः) अप्रमदाः क्रियाः ॥१०॥
Connotation: - हे विद्वांसो ! यूयं यथाऽधीतधनुर्वेदाः शस्त्रास्त्रप्रक्षेपयुद्धकुशला आग्नेयास्त्रादिभिश्शत्रून् निवार्य विजयं प्रकाशयन्ति तथैव तीव्रविद्याध्यापनोपदेशाभ्यामविद्याप्रमादान्निवार्य विद्याशुभगुणान् प्रकाशयत ॥१०॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - हे विद्वानांनो! तुम्ही जसे धनुर्वेद पारंगत व शस्त्र, अस्त्र चालविण्यात चतुर लोकांना युद्धात अग्नियुक्त अस्त्रांद्वारे शत्रूंचे निवारण करवून विजय प्राप्त करविता तसेच अविद्येमुळे झालेल्या प्रमादाचे निवारण करण्यासाठी विद्या व उपदेशाद्वारे श्रेष्ठ गुण प्रकट करा. ॥ १० ॥