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र॒यिं दि॑वो दुहितरो विभा॒तीः प्र॒जाव॑न्तं यच्छता॒स्मासु॑ देवीः। स्यो॒नादा वः॑ प्रति॒बुध्य॑मानाः सु॒वीर्य॑स्य॒ पत॑यः स्याम ॥१०॥

English Transliteration

rayiṁ divo duhitaro vibhātīḥ prajāvantaṁ yacchatāsmāsu devīḥ | syonād ā vaḥ pratibudhyamānāḥ suvīryasya patayaḥ syāma ||

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Pad Path

र॒यिम्। दि॒वः॒। दु॒हि॒त॒रः॒। वि॒ऽभा॒तीः। प्र॒जाऽव॑न्तम्। य॒च्छ॒त॒। अ॒स्मासु॑। दे॒वीः। स्यो॒नात्। आ। वः॒। प्र॒ति॒ऽबुध्य॑मानाः। सु॒ऽवीर्य॑स्य। पत॑यः। स्या॒म॒ ॥१०॥

Rigveda » Mandal:4» Sukta:51» Mantra:10 | Ashtak:3» Adhyay:8» Varga:2» Mantra:5 | Mandal:4» Anuvak:5» Mantra:10


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अब अगले मन्त्र से स्वयंवर विवाह कहा है ॥

Word-Meaning: - हे मनुष्यो ! जैसे (दिवः) सूर्य्य की (विभातीः) प्रकाश करती हुई (दुहितरः) कन्याओं के सदृश वर्त्तमान किरणें प्रकाश को देती हैं, हे (देवीः) विदुषियों ! वैसे (अस्मासु) हम लोगों में (स्योनात्) सुख से (प्रजावन्तम्) बहुत प्रजायुक्त (रयिम्) धन को (आ, यच्छत) ग्रहण करो (वः) तुम को (प्रतिबुध्यमानाः) प्रतिबोध कराते हुए हम लोग (सुवीर्यस्य) उत्तम पराक्रम युक्त सेना के (पतयः) स्वामी (स्याम) होवें ॥१०॥
Connotation: - इस मन्त्र में वाचकलुप्तोपमालङ्कार है। जो कन्या प्रभात वेला के सदृश उत्तम प्रकार शोभित सुख को उत्पन्न करती हैं, उनके साथ स्वयंवर विवाह से ही मनुष्य श्रीमान् होते हैं ॥१०॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अथाग्रिमेण स्वयंवर उच्यते ॥

Anvay:

हे मनुष्या ! यथा दिवो विभातीर्दुहितरः किरणाः प्रकाशं ददति। हे देवीर्देव्यस्तथास्मासु स्योनात् प्रजावन्तं रयिमायच्छत वः प्रतिबुध्यमाना वयं सुवीर्य्यस्य पतयः स्याम ॥१०॥

Word-Meaning: - (रयिम्) धनम् (दिवः) सूर्य्यस्य (दुहितरः) कन्या इव किरणाः (विभातीः) प्रकाशयन्त्यः (प्रजावन्तम्) बह्व्यः प्रजा विद्यन्ते यस्य तम् (यच्छत) गृह्णीत (अस्मासु) (देवीः) विदुष्यः (स्योनात्) सुखात् (आ) (वः) युष्मान् (प्रतिबुध्यमानाः) (सुवीर्य्यस्य) सुष्ठु पराक्रमयुक्तस्य सैन्यस्य (पतयः) (स्याम) ॥१०॥
Connotation: - अत्र वाचकलुप्तोपमालङ्कारः। याः कन्याः प्रभातवेलावत्सुशोभिताः सुखं जनयन्ति ताभिः सह स्वयंवरेण विवाहेनैव मनुष्याः श्रीमन्तो जायन्ते ॥१०॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - या मंत्रात वाचकलुप्तोपमालंकार आहे. ज्या कन्या उषेप्रमाणे सुशोभित असतात व सुख उत्पन्न करतात त्यांच्याबरोबर स्वयंवर विवाह केल्याने माणसे श्रीमंत होतात. ॥ १० ॥