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आ न॑ इन्द्राबृहस्पती गृ॒हमिन्द्र॑श्च गच्छतम्। सो॒म॒पा सोम॑पीतये ॥३॥

English Transliteration

ā na indrābṛhaspatī gṛham indraś ca gacchatam | somapā somapītaye ||

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Pad Path

आ। नः॒। इ॒न्द्रा॒बृ॒ह॒स्प॒ती॒ इति॑। गृ॒हम्। इन्द्रः॑। च॒। ग॒च्छ॒त॒म्। सो॒म॒ऽपा। सोम॑ऽपीतये ॥३॥

Rigveda » Mandal:4» Sukta:49» Mantra:3 | Ashtak:3» Adhyay:7» Varga:25» Mantra:3 | Mandal:4» Anuvak:5» Mantra:3


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (सोमपा) सोमलता के रस को पीनेवाले (इन्द्राबृहस्पती) राजा और अध्यापक आप दोनों (नः) हम लोगों के (गृहम्) घर को (सोमपीतये) सोमलता के उत्तम रस पीने के लिये (आ, गच्छतम्) आओ (इन्द्रः) और ऐश्वर्य्यवाला जन (च) भी आवे ॥३॥
Connotation: - हे राजा, मन्त्री और धनी जनो ! जैसे हम लोग आप लोगों को निमन्त्रण देकर अन्न आदि से सत्कार करें, वैसे ही आप हम लोगों का सत्कार करो ॥३॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह ॥

Anvay:

हे सोमपा इन्द्राबृहस्पती ! युवां नो गृहं सोमपीतये आ गच्छतमिन्द्रश्चागच्छेत् ॥३॥

Word-Meaning: - (आ) (नः) अस्माकम् (इन्द्राबृहस्पती) राजाऽध्यापकौ (गृहम्) (इन्द्रः) ऐश्वर्य्यवान् (च) (गच्छतम्) (सोमपा) यो सोमं पिबतस्तौ (सोमपीतये) सोमस्योत्तमरसपानाय ॥३॥
Connotation: - हे राजाऽमात्यधनाढ्या यथा वयं युष्मान्निमन्त्र्याऽन्नादिना सत्कुर्य्याम तथैव यूयमस्मान् सत्कुरुत ॥३॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - हे राजा, मंत्री व श्रीमंतांनो ! जसे आम्ही तुम्हाला निमंत्रण देऊन अन्न इत्यादींनी सत्कार करतो तसेच तुम्ही आमचा सत्कार करा. ॥ ३ ॥