Go To Mantra

यो अश्व॑स्य दधि॒क्राव्णो॒ अका॑री॒त्समि॑द्धे अ॒ग्ना उ॒षसो॒ व्यु॑ष्टौ। अना॑गसं॒ तमदि॑तिः कृणोतु॒ स मि॒त्रेण॒ वरु॑णेना स॒जोषाः॑ ॥३॥

English Transliteration

yo aśvasya dadhikrāvṇo akārīt samiddhe agnā uṣaso vyuṣṭau | anāgasaṁ tam aditiḥ kṛṇotu sa mitreṇa varuṇenā sajoṣāḥ ||

Mantra Audio
Pad Path

यः। अश्व॑स्य। द॒धि॒ऽक्राव्णः॑। अका॑रीत्। सम्ऽइ॑द्धे। अ॒ग्नौ। उ॒षसः॑। विऽउ॑ष्टौ। अना॑गसम्। तम्। अदि॑तिः। कृ॒णो॒तु॒। सः। मित्रेण॑। वरु॑णेन। स॒ऽजोषाः॑ ॥३॥

Rigveda » Mandal:4» Sukta:39» Mantra:3 | Ashtak:3» Adhyay:7» Varga:13» Mantra:3 | Mandal:4» Anuvak:4» Mantra:3


Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

अब प्रजाकृत्य को अगले मन्त्र में कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे मनुष्यो ! (यः) जो विद्वान् (दधिक्राव्णः) धारण करनेवालों को क्रमण करानेवाले (अश्वस्य) बड़े और विद्या में अर्थात् पदार्थविद्या के गुणों में व्याप्त (उषसः) प्रातःकाल की (व्युष्टौ) अनेक प्रकार की सेवा में और (समिद्धे) बहुत प्रदीप्त (अग्नौ) बिजुलीरूप अग्नि में (अनागसम्) अपराधरहित को (अकारीत्) करता है (तम्) उसको (अदितिः) माता व पिता निरपराध (कृणोतु) करे (सः) सो भी (मित्रेण) मित्र (वरुणेन) श्रेष्ठ के साथ (सजोषाः) तुल्य प्रीति सेवनेवाला हो ॥३॥
Connotation: - हे मनुष्यो ! जो अग्नि में जल आदि पदार्थों के संयोग करने को जाने और जो सज्जनों के साथ मित्रता कर और प्रातःकाल उठ के श्रेष्ठ कर्मों को करता है, वही सदैव प्रसन्न होता है, यह जानो ॥३॥
Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

अथ प्रजाकृत्यमाह ॥

Anvay:

हे मनुष्या ! यो विद्वान् दधिक्राव्णोऽश्वस्योषसो व्युष्टौ समिद्धेऽग्नावनागसमकारीत् तमदितिरनागसं कृणोतु स च मित्रेण वरुणेन सजोषा भवेत् ॥३॥

Word-Meaning: - (यः) (अश्वस्य) महतो व्याप्तविद्यस्य (दधिक्राव्णः) धारकाणां क्रमयितुः (अकारीत्) करोति (समिद्धे) प्रदीप्ते (अग्नौ) विद्युद्रूपे पावके (उषसः) प्रभातस्य (व्युष्टौ) विविधरूपायां सेवायाम् (अनागसम्) अनपराधम् (तम्) (अदितिः) माता पिता वा (कृणोतु) (सः) (मित्रेण) (वरुणेन) श्रेष्ठेन। अत्र संहितायामिति दीर्घः। (सजोषाः) समानप्रीतिसेवी ॥३॥
Connotation: - हे मनुष्या ! योग्नावबादीनां पदार्थानां संयोगं कर्त्तुं विजानीयात्। यश्च सज्जनैः सह मित्रतां कृत्वा प्रातरुत्थाय सत्कर्माणि करोति स एव सदैव प्रसन्नो भवतीति विजानीत ॥३॥
Reads times

MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - हे माणसांनो! जो अग्नी, जल इत्यादी पदार्थांचा संयोग करणे जाणतो व जो सज्जनांबरोबर मैत्री करून प्रातःकाळी उठून श्रेष्ठ कर्म करतो तोच सदैव प्रसन्न असतो, हे जाणा. ॥ ३ ॥