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ये दे॒वासो॒ अभ॑वता सुकृ॒त्या श्ये॒नाइ॒वेदधि॑ दि॒वि नि॑षे॒द। ते रत्नं॑ धात शवसो नपातः॒ सौध॑न्वना॒ अभ॑वता॒मृता॑सः ॥८॥

English Transliteration

ye devāso abhavatā sukṛtyā śyenā ived adhi divi niṣeda | te ratnaṁ dhāta śavaso napātaḥ saudhanvanā abhavatāmṛtāsaḥ ||

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Pad Path

ये। दे॒वासः॑। अभ॑वत। सु॒ऽकृ॒त्या। श्ये॒नाःऽइ॑व। इत्। अधि॑। दि॒वि। नि॒ऽसे॒द। ते। रत्न॑म्। धा॒त॒। श॒व॒सः॒। न॒पा॒तः॒। सौध॑न्वनाः। अभ॑वत। अ॒मृता॑सः ॥८॥

Rigveda » Mandal:4» Sukta:35» Mantra:8 | Ashtak:3» Adhyay:7» Varga:6» Mantra:3 | Mandal:4» Anuvak:4» Mantra:8


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं ॥

Word-Meaning: - (ये) जो (देवासः) विद्वान् (सुकृत्या) श्रेष्ठ कर्म से (अभवत) होते और (श्येनाइव) वाज के सदृश पुरुषार्थी (दिवि) अन्तरिक्ष में (अधि) ऊपर (निषेद) स्थित होते हैं (ते) वे (इत्) ही (शवसः) बलवान् हुए (नपातः) धर्म से नहीं गिरनेवाले (सौधन्वनाः) जिनका सुन्दर अन्तरिक्ष अर्थात् जिन्होंने यज्ञादि कर्म से अन्तरिक्ष को स्वच्छ किया उनके पुत्र (रत्नम्) सुन्दर धन को (धात) धारण करते हैं और (अमृतासः) मोक्षसुख को प्राप्त (अभवत) होते हैं ॥८॥
Connotation: - इस मन्त्र में उपमालङ्कार है । जो बाज के सदृश विमान से अन्तरिक्ष में जाते हैं, धर्म के आचरण से विद्वान् होकर अन्य जनों को भी वैसे करते हैं, ऐश्वर्य्य को प्राप्त हो तथा उसका भोग करके अन्त में मोक्ष को प्राप्त होते हैं ॥८॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह ॥

Anvay:

ये देवासः सुकृत्याऽभवत श्येनाइव दिव्यधि निषेद त इच्छवसो नपातः सौधन्वना रत्नं धातामृतासोऽभवत ॥८॥

Word-Meaning: - (ये) (देवासः) विद्वांसः (अभवत) भवन्ति। अत्र संहितायामिति दीर्घः। (सुकृत्या) सुकृतेन कर्मणा (श्येनाइव) श्येनवत्पुरुषार्थिनः (इत्) एव (अधि) उपरि (दिवि) द्युलोके अन्तरिक्षे (निषेद) निषीदन्ति। अत्र वचनव्यत्ययेनैकवचनम्। (ते) (रत्नम्) रमणीयं धनम् (धात) धरन्ति (शवसः) बलवन्तः सन्तः (नपातः) ये धर्मान्न पतन्ति (सौधन्वनाः) शोभनं धन्वान्तरिक्षं येषान्ते तेषां पुत्राः (अभवत) भवन्ति (अमृतासः) प्राप्तमोक्षसुखाः ॥८॥
Connotation: - अत्रोपमालङ्कारः । ये श्येनवद्विमानेनान्तरिक्षे गच्छन्ति धर्माचरणेन विद्वांसो भूत्वाऽन्यानपि तादृशान् कुर्वन्ति ते ऐश्वर्य्यं लब्ध्वा भुक्त्वा मुक्तिमधिगच्छन्ति ॥८॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - या मंत्रात उपमालंकार आहे. जे श्येन पक्ष्याप्रमाणे विमानाने अंतरिक्षात जातात. धर्माच्या आचरणाने विद्वान बनून इतरांनाही तसे करतात ते ऐश्वर्य प्राप्त करून, भोगून, शेवटी मोक्ष प्राप्त करतात. ॥ ८ ॥