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ये गोम॑न्तं॒ वाज॑वन्तं सु॒वीरं॑ र॒यिं ध॒त्थ वसु॑मन्तं पुरु॒क्षुम्। ते अ॑ग्रे॒पा ऋ॑भवो मन्दसा॒ना अ॒स्मे ध॑त्त॒ ये च॑ रा॒तिं गृ॒णन्ति॑ ॥१०॥

English Transliteration

ye gomantaṁ vājavantaṁ suvīraṁ rayiṁ dhattha vasumantam purukṣum | te agrepā ṛbhavo mandasānā asme dhatta ye ca rātiṁ gṛṇanti ||

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Pad Path

ये। गोऽम॑न्तम्। वाज॑ऽवन्तम्। सु॒ऽवीर॑म्। र॒यिम्। ध॒त्थ। वसु॑ऽमन्तम्। पु॒रु॒ऽक्षुम्। ते। अ॒ग्रे॒ऽपाः। ऋ॒भ॒वः॒। म॒न्द॒सा॒नाः। अ॒स्मे इति॑। ध॒त्त॒। ये। च॒। रा॒तिम्। गृ॒णन्ति॑ ॥१०॥

Rigveda » Mandal:4» Sukta:34» Mantra:10 | Ashtak:3» Adhyay:7» Varga:4» Mantra:5 | Mandal:4» Anuvak:4» Mantra:10


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (ऋभवः) विद्वानो ! (ये) जो (गोमन्तम्) बहुत गौओं से युक्त (वाजवन्तम्) बहुत अन्न और विज्ञान के साधनेवाले और (वसुमन्तम्) अनेक प्रकार द्रव्यों तथा (पुरुक्षुम्) बहुत धन और धान्य के सहित (सुवीरम्) श्रेष्ठ वीरों के प्राप्त करानेवाले (रयिम्) धन को (ये) जो (अग्रेपाः) पहिले रक्षा करनेवाले (मन्दसानाः) आनन्द करते हुए (च) और जो (अस्मे) हम लोगों के लिये (रातिम्) दान की (गृणन्ति) स्तुति करते हैं (ते) वे आप लोग इसको हम लोगों के लिये (धत्थ) धारण करो और इससे हम लोगों में सुख को (धत्त) धारण करो ॥१०॥
Connotation: - हे विद्वानो ! आप लोग जिनके लिये सिद्ध करने योग्य पदार्थ से उत्पन्न सुख को प्राप्त होकर अन्य जनों के लिये देते हैं, वे सुपात्रों के लिये दान देने की प्रशंसा करते हैं ॥१०॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह ॥

Anvay:

हे ऋभवो ! ये गोमन्तं वाजवन्तं वसुमन्तं पुरुक्षुं सुवीरं रयिं येऽग्रेपा मन्दसाना ये चाऽस्मे रातिं गृणन्ति ते यूयमेतदस्मे धत्थैतेनास्मासु सुखं धत्त ॥१०॥

Word-Meaning: - (ये) (गोमन्तम्) बह्व्यो गावो विद्यन्ते यस्मिँस्तं बहुराज्ययुक्तम् (वाजवन्तम्) बह्वन्नविज्ञानसाधकम् (सुवीरम्) उत्तमवीरप्रापकम् (रयिम्) धनम् (धत्थ) (वसुमन्तम्) बहुविधद्रव्यसहितम् (पुरुक्षुम्) बहुधनधान्यसहितम् (ते) (अग्रेपाः) पुरस्ताद्रक्षकाः (ऋभवः) विपश्चितः (मन्दसानाः) आनन्दन्तः (अस्मे) धत्त (ये) (च) (रातिम्) दानम् (गृणन्ति) स्तुवन्ति ॥१०॥
Connotation: - हे विद्वांसो ! यूयं येभ्यः साध्यजन्यसुखं प्राप्याऽन्येभ्यो दत्थ ते सुपात्रेभ्यो दानं दातुं प्रशंसन्ति ॥१०॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - हे विद्वानांनो ! तुम्ही पदार्थांपासून सुख मिळवून इतरांना देता व ते सुपात्रासाठी असल्यामुळे त्याची प्रशंसा होते. ॥ १० ॥