Go To Mantra

पुन॒र्ये च॒क्रुः पि॒तरा॒ युवा॑ना॒ सना॒ यूपे॑व जर॒णा शया॑ना। ते वाजो॒ विभ्वाँ॑ ऋ॒भुरिन्द्र॑वन्तो॒ मधु॑प्सरसो नोऽवन्तु य॒ज्ञम् ॥३॥

English Transliteration

punar ye cakruḥ pitarā yuvānā sanā yūpeva jaraṇā śayānā | te vājo vibhvām̐ ṛbhur indravanto madhupsaraso no vantu yajñam ||

Mantra Audio
Pad Path

पुनः॑। ये। च॒क्रुः। पि॒तरा॑। युवा॑ना। सना॑। यूपा॑ऽइव। ज॒र॒णा। शया॑ना। ते। वाजः॑। विऽभ्वा॑। ऋ॒भुः। इन्द्र॑ऽवन्तः। मधु॑ऽप्सरसः। नः। अ॒व॒न्तु॒। य॒ज्ञम् ॥३॥

Rigveda » Mandal:4» Sukta:33» Mantra:3 | Ashtak:3» Adhyay:7» Varga:1» Mantra:3 | Mandal:4» Anuvak:4» Mantra:3


Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर माता-पिता से शिक्षा विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं ॥

Word-Meaning: - (ये) जो जन (जरणा) बुढ़ापे को प्राप्त (शयाना) सोते हुए (सना) उत्तम प्रकार सेवा करनेवाले (पितरा) माता-पिता को (युवाना) जवान (यूपेव) खम्भे के सदृश पुष्ट (पुनः) फिर (चक्रुः) करें (ते) वे (मधुप्सरसः) सुन्दर स्वरूप और (इन्द्रवन्तः) अत्यन्त ऐश्वर्य्य से युक्त होकर (नः) हम लोगों के (यज्ञम्) पढ़ने-पढ़ाने आदि कर्म्म की (अवन्तु) रक्षा करें, उस कर्म्म के संग से (विभ्वा) व्यापक जाने गये जगदीश्वर से (वाजः) ज्ञानवान् और (ऋभुः) विद्वान् मैं होऊँ ॥३॥
Connotation: - जो पितृजन अपने सन्तानों को अतिकाल पर्य्यन्त ब्रह्मचर्य्य से उत्तम स्वभाव और विद्यायुक्त करते हैं, वे उन सन्तानों की सेवा से फिर भी वृद्ध हुए युवावस्थावालों के सदृश होते हैं ॥३॥
Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनर्मातापितृशिक्षाविषयमाह ॥

Anvay:

ये जरणा शयाना सन्तौ सना पितरा युवाना यूपेव पुनश्चक्रुस्ते मधुप्सरस इन्द्रवन्तो भूत्वा नो यज्ञमवन्तु तत्सङ्गेन विभ्वा वाज ऋभुरहं भवेयम् ॥३॥

Word-Meaning: - (पुनः) (ये) (चक्रुः) कुर्य्युः (पितरा) पितरौ (युवाना) प्राप्तयौवनौ (सना) संसेविनौ (यूपेव) स्तम्भ इव दृढौ (जरणा) जरां प्राप्तौ (शयाना) यौ शयाते तौ (ते) (वाजः) ज्ञानवान् (विभ्वा) विभुना ज्ञानेन जगदीश्वरेण (ऋभुः) विद्वान् (इन्द्रवन्तः) परमैश्वर्य्ययुक्ताः (मधुप्सरसः) मधुप्सरस्स्वरूपं सुन्दरं येषान्ते (नः) अस्माकम् (अवन्तु) (यज्ञम्) अध्ययनाध्यापनादिकम् ॥३॥
Connotation: - ये पितरः स्वसन्तानान् दीर्घेण ब्रह्मचर्य्येण सुशीलान् विदुषः कुर्वन्ति ते तत्सेवया पुनरपि वृद्धाः सन्तो युवान इव भवन्ति ॥३॥
Reads times

MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - जे पितृजन आपल्या संतानांना दीर्घकालपर्यंत ब्रह्मचर्याने सुशील व विद्वान करतात, संतानांनी सेवा केल्यामुळे ते वृद्ध झाल्यावरही पुन्हा तरुणाप्रमाणे बनतात. ॥ ३ ॥