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भू॒यामो॒ षु त्वाव॑तः॒ सखा॑य इन्द्र॒ गोम॑तः। युजो॒ वाजा॑य॒ घृष्व॑ये ॥६॥

English Transliteration

bhūyāmo ṣu tvāvataḥ sakhāya indra gomataḥ | yujo vājāya ghṛṣvaye ||

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Pad Path

भू॒यामो॒ इति॑। सु। त्वाऽव॑तः। सखा॑यः। इ॒न्द्र॒। गोऽम॑तः। युजः॑। वाजा॑य। घृष्व॑ये ॥६॥

Rigveda » Mandal:4» Sukta:32» Mantra:6 | Ashtak:3» Adhyay:6» Varga:28» Mantra:1 | Mandal:4» Anuvak:3» Mantra:6


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे (इन्द्र) राजन् ! (त्वावतः) आपसे रक्षित (सखायः) मित्र हम लोग (घृष्वये) घिसने और (वाजाय) विज्ञान वा अन्न के लिये (गोमतः) गौओं से युक्त (युजः) युक्त होनेवालों को प्राप्त होकर (सु) सुन्दर (भूयामो) होवें ॥६॥
Connotation: - हे राजन् ! जो आप पृथिवी आदि से युक्त हम लोगों को ऐश्वर्य्य के साथ युक्त करें तो हम लोग भी आपके साथ युक्त हों ॥६॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह ॥

Anvay:

हे इन्द्र ! त्वावतः सखायो वयं घृष्वये वाजाय गोमतो युजः प्राप्य सुभूयामो ॥६॥

Word-Meaning: - (भूयामो) भवेम। अत्र वाच्छन्दसीत्यस्योत्वम् (सु) शोभने (त्वावतः) त्वया रक्षिताः (सखायः) सुहृदः (इन्द्र) राजन् (गोमतः) गावो विद्यन्ते येषान्ते (युजः) ये युञ्जते तान् (वाजाय) विज्ञानायाऽन्नाय वा (घृष्वये) घर्षणाय ॥६॥
Connotation: - हे राजन् ! यदि भवान् पृथिव्यादियुक्तानस्मानैश्वर्येण सह योजयेत्तर्हि वयमपि त्वया सह युञ्जीमहि ॥६॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - हे राजा! जर तू पृथ्वी इत्यादींनी युक्त ऐश्वर्याने आम्हाला युक्त केलेस तर आम्हीही तुझ्याबरोबर तसेच युक्त होऊ. ॥ ६ ॥