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अत्या॑ वृध॒स्नू रोहि॑ता घृ॒तस्नू॑ ऋ॒तस्य॑ मन्ये॒ मन॑सा॒ जवि॑ष्ठा। अ॒न्तरी॑यसे अरु॒षा यु॑जा॒नो यु॒ष्मांश्च॑ दे॒वान्विश॒ आ च॒ मर्ता॑न् ॥३॥

English Transliteration

atyā vṛdhasnū rohitā ghṛtasnū ṛtasya manye manasā javiṣṭhā | antar īyase aruṣā yujāno yuṣmām̐ś ca devān viśa ā ca martān ||

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Pad Path

अत्या॑। वृ॒ध॒स्नू इति॑ वृ॒ध॒ऽस्नू। रोहि॑ता। घृ॒तस्नू॒ इति॑ घृ॒तऽस्नू॑। ऋ॒तस्य॑। म॒न्ये॒। मन॑सा। जवि॑ष्ठा। अ॒न्तः। ई॒य॒से॒। अ॒रु॒षा। यु॒जा॒नः। यु॒ष्मान्। च॒। दे॒वान्। विशः॑। आ। च॒। मर्ता॑न्॥३॥

Rigveda » Mandal:4» Sukta:2» Mantra:3 | Ashtak:3» Adhyay:4» Varga:16» Mantra:3 | Mandal:4» Anuvak:1» Mantra:3


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अब इस अगले मन्त्र में प्रजा के कृत्य का वर्णन करते हैं ॥

Word-Meaning: - हे विद्वन् ! पुरुष जो आप (ऋतस्य) जल की (वृधस्नू) समृद्धि का विस्तार करते हुए (रोहिता) और अग्नि गुण के सहित (घृतस्नू) जल को बहाते हुए (अरुषा) रक्तगुण विशिष्ट (मनसा) मन से भी (जविष्ठा) अत्यन्त वेगवाले (अत्या) मार्ग को व्याप्त होते हुए वायु और अग्नि को (युजानः) संयुक्त करते हुए (देवान्) विद्वान् (युष्मान्) आप लोगों (च) और (मर्त्तान्) साधारण मनुष्यों को (च) और (विशः) प्रजाओं को (अन्तः) मध्य में (आ) सब प्रकार (ईयसे) प्राप्त होते हो, उनको मैं (मन्ये) मानता हूँ ॥३॥
Connotation: - जो मनुष्य लोग वायु और अग्नि को जलों के साथ वाहन के यन्त्रों में संयुक्त करके चलाते हैं तो वेग और प्रहरण नामक जल और भाफ के गुण, मन के सदृश वाहन आदिकों को चलाते हैं ॥३॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अथ प्रजाकृत्यमाह ॥

Anvay:

हे विद्वन् ! यस्त्वमृतस्य यौ वृधस्नू रोहिता घृतस्नू अरुषा मनसा जविष्ठात्या युजानो देवान् युष्मान् मर्त्तांश्च विशश्चान्तरीयसे तानहं मन्ये ॥३॥

Word-Meaning: - (अत्या) यावततोऽध्वानं व्याप्नुतस्तौ (वृधस्नू) यौ वृधान् प्रस्रवतस्तौ (रोहिता) रोहितेन वह्निगुणेन सहितौ (घृतस्नू) यौ घृतमुदकं स्नुतः प्रस्रावयतस्तौ (ऋतस्य) जलस्य (मन्ये) (मनसा) (जविष्ठा) अतिशयेन वेगवन्तौ (अन्तः) मध्ये (ईयसे) गच्छसि (अरुषा) रक्तगुणविशिष्टौ (युजानः) (युष्मान्) (च) (देवान्) (विशः) प्रजाः (आ) (च) (मर्त्तान्) मनुष्यान् ॥३॥
Connotation: - यदि मनुष्या वाय्वग्नी अद्भिः सह यानयन्त्रेषु संयोज्य चालयतस्तर्हि वेगप्रहरणाख्यौ जलवाष्पगुणौ मन इव यानादीनि चालयतः ॥३॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - जी माणसे वायू, अग्नी, जल यांना यानयंत्रामध्ये संयुक्त करून चालवितात, ती मनाप्रमाणे वेगवान जलबाष्पयुक्त याने चालवितात. ॥ ३ ॥