आ॒वह॑न्त्यरु॒णीर्ज्योति॒षागा॑न्म॒ही चि॒त्रा र॒श्मिभि॒श्चेकि॑ताना। प्र॒बो॒धय॑न्ती सुवि॒ताय॑ दे॒व्यु१॒॑षा ई॑यते सु॒युजा॒ रथे॑न ॥३॥
āvahanty aruṇīr jyotiṣāgān mahī citrā raśmibhiś cekitānā | prabodhayantī suvitāya devy uṣā īyate suyujā rathena ||
आ॒ऽवह॑न्ती। अ॒रु॒णीः। ज्योति॑षा। आ। अ॒गा॒त्। म॒ही। चि॒त्रा। र॒श्मिऽभिः॑। चेकि॑ताना। प्र॒ऽबो॒धय॑न्ती। सु॒वि॒ताय॑। दे॒वी। उ॒षाः। ई॒य॒ते॒। सु॒ऽयुजा॑। रथे॑न ॥३॥
SWAMI DAYANAND SARSWATI
अब विदुषी के गुणों को अगले मन्त्र में कहते हैं ॥
SWAMI DAYANAND SARSWATI
अथ विदुषीगुणानाह ॥
हे विदुषि शुभगुणे पत्नि ! त्वं यथा सुयुजा रथेनेव रश्मिभिश्चेकिताना सुविताय प्रबोधयन्ती ज्योतिषा चित्राऽरुणीरावहन्ती मही देव्युषा ईयत आगात्तथा त्वं भव ॥३॥
MATA SAVITA JOSHI
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