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अ॒स्माक॒मत्र॑ पि॒तरो॑ मनु॒ष्या॑ अ॒भि प्र से॑दुर्ऋ॒तमा॑शुषा॒णाः। अश्म॑व्रजाः सु॒दुघा॑ व॒व्रे अ॒न्तरुदु॒स्रा आ॑जन्नु॒षसो॑ हुवा॒नाः ॥१३॥

English Transliteration

asmākam atra pitaro manuṣyā abhi pra sedur ṛtam āśuṣāṇāḥ | aśmavrajāḥ sudughā vavre antar ud usrā ājann uṣaso huvānāḥ ||

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Pad Path

अ॒स्माक॑म्। अत्र॑। पि॒तरः॑। म॒नु॒ष्याः॑। अ॒भि। प्र। से॒दुः॒। ऋ॒तम्। आ॒शु॒षा॒णाः। अश्म॑ऽव्रजाः। सु॒ऽदुघाः॑। व॒व्रे। अ॒न्तः। उत्। उ॒स्राः। आ॒ज॒न्। उ॒षसः॑। हु॒वा॒नाः॥१३॥

Rigveda » Mandal:4» Sukta:1» Mantra:13 | Ashtak:3» Adhyay:4» Varga:14» Mantra:3 | Mandal:4» Anuvak:1» Mantra:13


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे मनुष्यो ! जो (अत्र) इस संसार वा व्यवहार में (अस्माकम्) हम लोगों के (मनुष्याः) मनन करने और (पितरः) पालन करनेवाले (ऋतम्) सत्य को (आशुषाणाः) सब प्रकार प्राप्त हुए वा ब्रह्मचर्य से शुष्क शरीरवाले (अश्मव्रजाः) मेघों में चलनेवाले (सुदुघाः) उत्तम प्रकार कामनाओं के पूर्ण करनेवाले (उषसः) प्रातःकालों को (उस्राः) किरणों के सदृश (हुवानाः) पुकारनेवाले हुए (उत्, आजन्) प्राप्त होते हैं (अन्तः) मध्य में (अभि) सम्मुख (प्र, सेदुः) जाते हैं, उनको जो (वव्रे) ढाँपता है, वह भाग्यशाली होता है ॥१३॥
Connotation: - हे मनुष्यो ! जो लोग आप लोगों के पालन करनेवाले ब्रह्मचर्य्य को धारण करके जैसे सूर्य की किरणें मेघों को वर्षाती हैं, वैसे ही बुलाये हुए सत्य का प्रकाश करते हैं, उनका जो सत्कार करता है, वह भाग्यशाली होता है ॥१३॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह ॥

Anvay:

हे मनुष्या ! येऽत्राऽस्माकं मनुष्याः पितर ऋतमाशुषाणा अश्मव्रजाः सुदुघा उषस उस्रा इव हुवानाः सन्त उदाजन्नन्तरभि प्र सेदुस्तान् योऽभि वव्रे स भाग्यशाली जायते ॥१३॥

Word-Meaning: - (अस्माकम्) (अत्र) अस्मिञ्जगति व्यवहारे वा (पितरः) पालकाः (मनुष्याः) मननशीलाः समन्तात् (अभि) आभिमुख्ये (प्र) (सेदुः) प्रसीदन्ति (ऋतम्) सत्यम् (आशुषाणाः) प्राप्नुवन्तो ब्रह्मचर्येण शुष्कशरीरा वा (अश्मव्रजाः) येऽश्मसु मेघेषु व्रजन्ति (सुदुघाः) सुष्ठु कामानामलङ्कर्त्तारः (वव्रे) वृणोति (अन्तः) मध्ये (उत्) (उस्राः) किरणाः (आजन्) प्राप्नुवन्ति (उषसः) प्रभातान् (हुवानाः) कृताह्वानाः ॥१३॥
Connotation: - हे मनुष्या ! ये युष्माकं पालका ब्रह्मचारिणो यथा सूर्यकिरणा मेघान् वर्षयन्ति तथैव कृताह्वानाः सन्तः सत्यं विज्ञापयन्ति तेषां यः सत्कारं करोति स भाग्यशाली भवति ॥१३॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - हे माणसांनो! जशी सूर्याची किरणे मेघांचा वर्षाव करतात तसे जे लोक तुमचे पालक व ब्रह्मचारी असून सत्याचा प्रकाश करतात, त्यांचा जो सत्कार करतो तो भाग्यवान असतो ॥ १३ ॥