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उषो॑ दे॒व्यम॑र्त्या॒ वि भा॑हि च॒न्द्रर॑था सू॒नृता॑ ई॒रय॑न्ती। आ त्वा॑ वहन्तु सु॒यमा॑सो॒ अश्वा॒ हिर॑ण्यवर्णां पृथु॒पाज॑सो॒ ये॥

English Transliteration

uṣo devy amartyā vi bhāhi candrarathā sūnṛtā īrayantī | ā tvā vahantu suyamāso aśvā hiraṇyavarṇām pṛthupājaso ye ||

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Pad Path

उषः॑। दे॒वि॒। अम॑र्त्या। वि। भा॒हि॒। च॒न्द्रऽर॑था। सू॒नृताः॑। ई॒रय॑न्ती। आ। त्वा॒। व॒ह॒न्तु॒। सु॒ऽयमा॑सः। अश्वाः॑। हिर॑ण्यऽवर्णाम्। पृ॒थु॒ऽपाज॑सः। ये॥

Rigveda » Mandal:3» Sukta:61» Mantra:2 | Ashtak:3» Adhyay:4» Varga:8» Mantra:2 | Mandal:3» Anuvak:5» Mantra:2


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को प्रकारान्तर से अगले मन्त्र में कहते हैं।

Word-Meaning: - हे (देवि) उत्तम प्रकार शोभित (उषः) प्रातःवेला के सदृश वर्त्तमान (सूनृताः) उत्तम प्रकार सत्य क्रियाओं की (ईरयन्ती) प्रेरणा करती हुई (चन्द्ररथा) चन्द्रमा के सदृश रथ जिसका ऐसी (अमर्त्या) मरण धर्म से रहित हुई (वि, भाहि) शोभित होओ और (ये) जो (पृथुपाजसः) बहुत बलयुक्त (सुयमासः) उत्तम प्रकार नियम करनेवाले (हिरण्यवर्णाम्) तेजोमयी कान्ति को (अश्वाः) व्याप्त किरणों के सदृश (त्वा) आपको (आ, वहन्तु) प्राप्त हों उनको सुखपूर्वक आप शोभित करिये ॥२॥
Connotation: - जैसे चन्द्रमारूप रथवाली प्रातःकाल की वेला तेजस्स्वरूप होकर सबको जगाती है, वैसे ही उत्तम पण्डिता स्त्रियाँ अपने अपने पति को सेवा और विनय से सुशील करती हैं ॥२॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयं प्रकारान्तरेणाह।

Anvay:

हे देव्युषर्वत्सूनृताः प्रेरयन्ती चन्द्ररथा अमर्त्या सती विभाहि। ये पृथुपाजसः सुयमासो हिरण्यवर्णामश्वा इव त्वाऽऽवहन्तु तान् सुखेन त्वं विभाहि ॥२॥

Word-Meaning: - (उषः) उषर्वद्वर्त्तमाने (देवि) सुशोभिते (अमर्त्या) मरणधर्मरहिता (वि) (भाहि) (चन्द्ररथा) चन्द्र इव रथो यस्याः (सूनृताः) सुष्ठु सत्याः क्रियाः (ईरयन्ती) प्रेरयन्ती (आ) (त्वा) त्वाम् (वहन्तु) (सुयमासः) सुष्ठुनियामकाः (अश्वाः) व्याप्ताः किरणाः (हिरण्यवर्णाम्) तेजोमयीम् (पृथुपाजसः) बहुबलाः (ये) ॥२॥
Connotation: - यथा चन्द्रयानोषास्तेजोमयी भूत्वा सर्वाञ्जागरयति तथैवोत्तमा विदुष्यस्स्त्रियः स्वकीयं स्वकीयं पतिं सेवाविनयाभ्यां सुशीलं सम्पादयन्ति ॥२॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - चंद्र हा जिचा रथ आहे अशी प्रातःकाळची तेजस्वी वेळ सर्वांना जागृत करते. तशा उत्तम पंडिता स्त्रिया आपापल्या पतीला सेवा व विनयाने सुशील करतात. ॥ २ ॥