मि॒त्राय॒ पञ्च॑ येमिरे॒ जना॑ अ॒भिष्टि॑शवसे। स दे॒वान्विश्वा॑न्बिभर्ति॥
mitrāya pañca yemire janā abhiṣṭiśavase | sa devān viśvān bibharti ||
मि॒त्राय। पञ्च॑। ये॒मि॒रे॒। जनाः॑। अ॒भिष्टि॑ऽशवसे। सः। दे॒वान्। विश्वा॑न्। बि॒भ॒र्ति॒॥
SWAMI DAYANAND SARSWATI
फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहते हैं।
SWAMI DAYANAND SARSWATI
पुनस्तमेव विषयमाह।
हे मनुष्या इमे पञ्च प्राणा इव जना यस्मा अभिष्टिशवसे मित्राय येमिरे स विश्वान् देवान् बिभर्त्तीति विजानीत ॥८॥
MATA SAVITA JOSHI
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