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सु॒युग्व॑हन्ति॒ प्रति॑ वामृ॒तेनो॒र्ध्वा भ॑वन्ति पि॒तरे॑व॒ मेधाः॑। जरे॑थाम॒स्मद्वि प॒णेर्म॑नी॒षां यु॒वोरव॑श्चकृ॒मा या॑तम॒र्वाक्॥

English Transliteration

suyug vahanti prati vām ṛtenordhvā bhavanti pitareva medhāḥ | jarethām asmad vi paṇer manīṣāṁ yuvor avaś cakṛmā yātam arvāk ||

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Pad Path

सु॒ऽयुक्। व॒ह॒न्ति॒। प्रति॑। वा॒म्। ऋ॒तेन॑। ऊ॒र्ध्वा। भ॒व॒न्ति॒। पि॒तरा॑ऽइव। मेधाः॑। जरे॑थाम्। अ॒स्मत्। वि। प॒णेः। म॒नी॒षाम्। यु॒वोः। अवः॑। च॒कृ॒म॒। आ। या॒त॒म्। अ॒र्वाक्॥

Rigveda » Mandal:3» Sukta:58» Mantra:2 | Ashtak:3» Adhyay:4» Varga:3» Mantra:2 | Mandal:3» Anuvak:5» Mantra:2


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अब ऊर्ध्व और अधःस्थान विषयक शिल्पिजनों के कृत्य को कहते हैं।

Word-Meaning: - हे अध्यापक और उपदेशक ! (सुयुक्) उत्तम कृत्य के योगकर्त्ता जन जिस (ऊर्ध्वाः) ऊपर को पहुँचानेवाली (मेधाः) बुद्धियों और (ऋतेन) सत्य से (वाम्) आप दोनों को (वहन्ति) प्राप्त होते हैं उनको हम लोगों के (प्रति) प्रति पहुँचाओ जो (पितरेव) माता और पिता के सदृश पालन करनेवाली (भवन्ति) होती हैं आप दोनों (जरेथाम्) उनकी स्तुति करो। (अस्मत्) हमारे लिये (वि, पणेः) व्यवहार की (मनीषाम्) बुद्धि को (आ) सब प्रकार (यातम्) प्राप्त होओ (अर्वाक्) नीचे स्थानों में (युवोः) आप दोनों की (अवः) रक्षा हम लोग (चकृम) करैं ॥२॥
Connotation: - जैसे वायु और किरणें सूर्य्य आदि को पहुँचाती हैं, वैसे ही उत्तम बुद्धि के सदृश वर्त्तमान स्त्रियाँ सुख को पहुँचाती हैं। और जो विद्वान् लोग मनुष्यों में पिता के सदृश वर्त्तमान हैं, उनके प्रति सबको चाहिये कि पुत्र के सदृश वर्त्ताव कर और सब व्यवहार को जानके यथावत् करैं ॥२॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अथोर्ध्वाधःस्थानविषयकं शिल्पिजनकृत्यमाह।

Anvay:

हे अश्विनावध्यापकोपदेशकौ सुयुग् या ऊर्ध्वा मेधा ऋतेन वां वहन्ति ता अस्मान्प्रति वाहय याः पितरेव पालिका भवन्ति ता युवं विजरेथाम्। अस्मद्विपणेर्मनीषामायातमर्वाग्युवोरयो वयं चकृम ॥२॥

Word-Meaning: - (सुयुक्) ये सुष्ठु युञ्जन्ति ते (वहन्ति) प्राप्नुवन्ति (प्रति) (वाम्) युवाम् (ऋतेन) सत्येन (ऊर्ध्वाः) ऊर्ध्वगमयित्र्यः (भवन्ति) (पितरेव) जननीजनकाविव (मेधाः) प्रज्ञाः (जरेथाम्) स्तुयातम् (अस्मत्) (वि) (पणेः) व्यवहारस्य (मनीषाम्) मनस ईषिणीम् (युवोः) युवयोः (अवः) रक्षणम् (चकृम) कुर्य्याम (आ) समन्तात् (यातम्) प्राप्नुतम् (अर्वाक्) अधः ॥२॥
Connotation: - यथा वायुकिरणाः सूर्य्यादिकं वहन्ति तथैवोत्तमप्रज्ञावद्वर्त्तमानाः स्त्रियो सुखं प्रतिवहन्ति। ये विद्वांसो नृषु पितृवद्वर्त्तन्ते तान्प्रति सर्वैः पुत्रवद्वर्त्तित्वा सर्वं व्यवहारं विज्ञाय यथावदनुष्ठातव्यम् ॥२॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - जसे वायू, किरण सूर्य इत्यादींचे वहन करतात. तसेच उत्तम बुद्धीप्रमाणे असलेल्या स्त्रिया सुख देतात. जे विद्वान लोक माणसांमध्ये पित्याप्रमाणे वागतात त्यांच्याशी सर्वांनी पुत्राप्रमाणे वागावे व सर्व व्यवहार जाणून यथावत अनुष्ठान करावे. ॥ २ ॥